एमएसपी पर सोयाबीन की हो रही खरीदी, 31 दिसंबर अंतिम तारीख

मप्र में पहली बार एमएसपी पर हो रही सोयाबीन की सरकारी खरीदी में किसानों ने वैसा उत्साह नहीं दिखाया, जैसा सरकार को अनुमान था।

केंद्र सरकार ने मप्र के लिए एमएसपी पर सोयाबीन खरीदी के लिए 13 लाख मीट्रिक टन का कोटा तय किया था।

25 अक्टूबर से प्रदेश में सोयाबीन खरीदी की जा रही है, जो 31 दिसंबर तक चलेगी।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को सीएम हाउस स्थित समत्व कार्यालय में प्रदेश में सोयाबीन खरीदी की समीक्षा की, जिसमें सामने आया कि 25 अक्टूबर से 26 दिसंबर तक की स्थिति में 2 लाख 4 हजार किसानों ने एमएसपी पर सरकार को सोयाबीन बेचा है।

 

राज्य ने खरीदा सिर्फ 5.89 लाख मी. टन सोयाबीन

इन किसानों से सरकार ने अब तक कुल 5.89 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन ही खरीदा गया है।

कृषि व सहकारिता विभाग के अधिकारियों का अनुमान है कि 31 दिसम्बर तक प्रदेश में खरीदी 6 लाख मीट्रिक टन से ऊपर नहीं पहुंचेगी।

किसान लगातार पर सोयाबीन खरीदने की मांग कर रहे थे, इसके बाद सरकार ने घोषणा की थी कि लक्ष्य से ज्यादा सोयाबीन आता है तो सरकार अपने संसाधनों से खरीदी करेगी।

 

सबसे ज्यादा भोपाल और उज्जैन संभाग में खरीदी

समीक्षा बैठक में कृषि सचिव ने बताया कि प्रदेश में सोयाबीन की सर्वाधिक खरीदी भोपाल संभाग में हुई है।

यहां कुल 1 लाख 80 हजार 198 मीट्रिक टन सोयाबीन खरीदा जा चुका है। इसके बाद उज्जैन संभाग में 1 लाख 49 हजार 974.54 मीट्रिक टन सोयाबीन खरीदा गया है।

सागर संभाग में 93 हजार 495 मीट्रिक टन, नर्मदापुरम संभाग में 93 हजार 287 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन खरीदी हुई है।

अब तक किसानों को 1957.1 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया है। सोयाबीन की समर्थन मूल्य 4892 रुपए प्रति क्विंटल है।

 

तिलहन- दलहन की फसलों पर भी प्रोत्साहन देने के निर्देश

सीएम डॉ. यादव ने बैठक में कहा कि मप्र में सोयाबीन उत्पादन में पिछले सालों में बढ़ोतरी हुई है। इसलिए राज्य सरकार आगे भी सोयाबीन की एमएसपी पर खरीदी जारी रखेगी।

मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग को सोयाबीन के अलावा दलहन और तिलहन फसलों के उत्पादन के लिए प्रोत्साहन देने पर काम करने के निर्देश दिए हैं।

सीएम ने कहा कि दलहन उत्पादन बढ़ाने के लिए कोई योजना बनाई जाए। उद्यानिकी फसलों में किसानों को ज्यादा आय होती है, किसानों को इसकी जानकारी दी जाए।

 

केंद्रों पर रखा धान भीगा तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें

बेमौसम बारिश की आशंका को देखते मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को धान खरीदी की समीक्षा करते हुए खरीदी केंद्र पर खुले में रखे सभी धान का जल्द से जल्द परिवहन कराकर जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों और गोदामों में रखवाने के निर्देश दिए हैं।

प्रदेश के धान खरीदी केंद्रों पर करीब 19.5 लाखा मीट्रिक टन धान रखा हुआ है, जिसका बड़ा हिस्सा खुले में हैं।

सीएम ने चेतावनी दी है कि यदि लापरवाही के कारण प्रदेश में कभी भी धान भीगता है तो संबंधित अधिकारी सख्त कार्रवाई के लिए तैयार रहे।

अब समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल की जगह प्रति हेक्टेयर करने की तैयारी

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