सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में गेहूँ उपार्जन के बाद किसानों को राशि के भुगतान का कार्य बिना विलंब के किया जाए।
किसानों को कोई दिक्कत नहीं होना चाहिए। उपार्जन केन्द्रों पर आवश्यक बैठक व्यवस्था और पेयजल प्रबंध भी होना चाहिए।
उपार्जित गेहूँ की सुरक्षा, तोल काँटे, हम्माल की व्यवस्था, परिवहन कार्य और अनाज को गोदाम तक पहुँचाने का कार्य भी सुचारू रूप से किया जाए।
2125 रुपए प्रति क्विंटल तय
मध्य प्रदेश के किसानों के लिए ताजा अपडेट है। प्रदेश में 1 अप्रैल से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी शुरू हो चुकी है, जो 15 मई तक चलेगी।
पंजीकृत किसान उपार्जन केन्द्र का स्वयं चयन करके दिन एवं समय का स्लॉट ऑनलाइन बुक कर सकेंगे, जिसके आधार पर किसानों से गेंहू का उपार्जन किया जाएगा।
जिन खरीदी केन्द्रों में स्लॉट बुक नहीं होंगे, वहां से किसानों को SMS से खरीदी की सूचना दी जाएगी।
इस साल मप्र सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है।
इधर, सीएम शिवराज ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि किसानों को उपार्जित गेहूँ की राशि का भुगतान यथा समय करें।
बिना देर किए करें राशि का भुगतान
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में गेहूँ उपार्जन के बाद किसानों को राशि के भुगतान का कार्य बिना विलंब के किया जाए।
किसानों को कोई दिक्कत नहीं होना चाहिए। उपार्जन केन्द्रों पर आवश्यक बैठक व्यवस्था और पेयजल प्रबंध भी होना चाहिए।
उपार्जित गेहूँ की सुरक्षा, तोल काँटे, हम्माल की व्यवस्था, परिवहन कार्य और अनाज को गोदाम तक पहुँचाने का कार्य भी सुचारू रूप से किया जाए।
जहाँ ओलावृष्टि से गेहूँ की फसल को क्षति पहुँची है और चमकविहीन गेहूँ उपार्जित हुआ है,
उसके लिए किसानों को पूर्ण राशि का भुगतान किया जाए। इस कार्य में जन-प्रतिनिधि भी सहयोग करें।
ओलावृष्टि से नुकसान के लिए भी राहत
सीएम चौहान ने कहा कि कर्जमाफी के चक्कर में जो किसान डिफाल्टर मान लिए गए थे, उनके ब्याज की राशि का भुगतान राज्य सरकार शीघ्र करेगी।
प्रदेश में 17 मार्च के बाद और अप्रैल के प्रथम सप्ताह में हुई ओलावृष्टि से संबंधित सर्वे कार्य लगभग पूर्णता की ओर है।
राज्य शासन द्वारा राहत राशि के लिए नई दरों का निर्धारण भी किया गया है।
उसके अनुसार ही किसानों के खातों में राशि का अंतरण शीघ्र किया जाएगा। इसके लिए आवश्यक तैयारियाँ अंतिम चरण में है।
आगामी 10 से 25 मई की अवधि में प्रदेश में नामांतरण और बँटवारा के साथ सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों का शिविर लगा कर समाधान किया जाएगा।
यह कार्य गत वर्ष लगाए गए मुख्यमंत्री जन सेवा शिविर की तर्ज पर होगा। इसके लिए कलेक्टर्स आवश्यक तैयारियाँ प्रारंभ करें।
शहरों में वार्ड स्तर और ग्राम पंचायतों में शिविर लगा कर जनता की समस्याओं को हल किया जाएगा।
यह भी पढ़े : गर्मी में लगाई गई मूंग एवं उड़द भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ख़रीदेगी सरकार
यह भी पढ़े : 72 लाख छोटे किसानों का फसल बीमा कराएगी सरकार
शेयर करें