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किसानों की पेंशन के लिए चल रही मान-धन योजना का बजट किया गया दोगुना

 

किसान मानधन योजना बजट

 

देश के किसानों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए 12 सितम्बर 2019 को देश के प्रधानमंत्री ने झारखंड से प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना की शुरुआत की थी|

योजना के तहत 60 वर्ष की आयु के बाद लाभार्थी किसान को 3000 रुपए प्रति माह दिया जाना है|

लेकिन 2 वर्ष से ज्यादा बीत जाने के बाद भी योजना में कोई ख़ास प्रगति नहीं हुई है|

जबकि दूसरी तरफ उसके साथ शुरू हुई पीएम किसान योजना के लिए किसानों ने ख़ास दिलचस्पी दिखाई है|

सरकार के प्रयासों के बावजूद भी प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना कामयाब नहीं हो पा रही है|

 

पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष बजट किया गया दोगुना

इस वर्ष केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना के बजट में बढ़ोतरी की है|

पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने योजना के तहत 50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था लेकिन संशोधित बजट में मात्र इसका 1 प्रतिशत ही खर्च किया गया है|

इसके बाबजूद भी इस वर्ष केंद्र सरकार ने किसान मान-धन योजना का बजट बढ़ाकर दोगुना कर दिया है, सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए योजना के तहत 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है|

अब यह देखना होगा कि सरकार इस वर्ष योजना के तहत कितना खर्च कर पाती है|

 

किसान मान-धन योजना के तहत पंजीकृत

प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना के 2 वर्षों के यात्रा को देखें तो खबर लिखने तक योजना से 18 लाख 31 हजार 395 किसान अभी तक इस योजना से जुड़े हैं|

योजना के तहत बिहार, उत्तर प्रदेश तथा झारखंड राज्य के किसानों ने सबसे अधिक इस योजना के तहत अपना पंजीकरण किया है|

 

क्या है किसान मान-धन योजना के तहत प्रीमियम

योजना स्‍वैच्छिक और योगदान आधारित है। 18 से 40 आयु वर्ग के किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

60 साल की आयु के पश्‍चात किसानों को 3,000 रुपये प्रति महीने पेंशन देने का प्रावधान है।

प्रधानमंत्री किसान मान धन योजना के तहत 18 वर्ष के लिए 55 रुपए/माह, 29 वर्ष के लिए 100 रुपए/माह तथा 40 वर्ष के लिए 200 रूपये/माह का प्रीमियम 60 वर्ष की आयु तक देना पड़ता है|

इसी प्रकार 18 से 40 वर्ष के उम्र के सीमांत तथा लघु किसानों के लिए योजना के तहत प्रीमियम देना होता है|

 

योजना के तहत किसानों के प्रीमियम के बराबर सरकार भी प्रीमियम देती है|

कम किसानों के योजना से जुड़ने के कारण सरकार को प्रीमियम के रूप में खर्च करना पड़ रहा है|

आने वाले दिनों में बजट का कितना प्रतिशत खर्च होता है यह देखना होगा क्योंकि किसानों ने इस योजना के तहत कम दिलचस्पी दिखाई है|

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