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इस समय की ठंड है गेहूं के लिए फायदेमंद

डबल मुनाफे का करेगी काम

 

बागवानी फसलों के लिए अत्यधिक सर्दी ठीक नहीं, लेकिन कुछ नकदी फसलों का उत्पादन बढ़ाने में इस सर्दी का अहम रोल है.

हम बात कर रहे हैं गेहूं और अगेती सरसों के बारे में.

 

सर्दियां अपने पीक पर है. आलू और सब्जियों की खेती करने वाले किसानों की चिंताए बढ़ती जा रही है.

फसलों में पाले से नुकसान की संभावनाएं पैदा हो रही हैं. इधर कृषि विशेषज्ञ लगातार किसानों को सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं.

इस सब के बीच ठंड के मौसम ने गेहूं उत्पादक किसानों में खुशी की लहर दौड़ रही है, क्योंकि लगातार गिरता तापमान गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद है.

इससे किसानों को भी अच्छी फसल मिलने की उम्मीद जाग गई है, हालांकि देरी से बोई गई सरसों की फसल के लिए भी यह समय कुछ परेशानियां पैदा कर सकते हैं.

 

गेहूं के किसानों को नई उम्मीद

द ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट में गेहूं की खेती करने वाले किसान राजीव शर्मा बताते हैं कि मौजूदा हालात गेहूं की फसल के लिए काफी अनुकूल हैं.

अगर आने वाले हफ्तों में भी यही स्थिति बनी रही तो इस साल हमें अच्छा उत्पादन देखने को मिलेगा.

सरसों के लिए भी स्थितियां अच्छी हैं, लेकिन अगर तापमान में और गिरावट आती है तो पाला फसल को प्रभावित करेगा.

वहीं एक अन्य किसान मलकीत सिंह ने कहा, ‘मैंने आठ एकड़ में गेहूं और 3 एकड़ में सरसों की बुआई की है.

पिछले साल दोनों फसलों में उपज का नुकसान हुआ.

सरसों एक संवेदनशील फसल है और अगर तापमान और नीचे जाता है तो इस पर कुछ प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन अभी तक मौसम अनुकूल रहा है और हम उम्मीद कर रहे हैं कि इस साल अच्छा उत्पादन होगा.

 

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

अंबाला के उप निदेशक (कृषि) डॉ. गिरीश नागपाल ने द ट्रिब्यून की  रिपोर्ट के हवाले से बताया कि ‘गेहूं की फसल के लिए मौसम की मौजूदा स्थिति अनुकूल है. यह वानस्पतिक वृद्धि में मददगार है.

किसानों को निर्धारित अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए, लेकिन जिन लोगों ने सरसों की देरी से बुआई की है.

उन्हें थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है,क्योंकि यह एक संवेदनशील फसल है.

सरसों के उत्पादकों को नियमित अंतराल पर अपने खेतों का दौरा करना चाहिए और पाले से होने वाले नुकसान को रोकथाम के लिए धुएं का इस्तेमाल करने के अलावा हल्की सिंचाई भी करनी होगी, जिससे पाले का पौधों के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव ना पड़े’.

 

लो टनल में करें सब्जियों की खेती

जैसा कि लगातार पाले से सब्जी फसलों को बचाने की हिदायत दी जा रही है.

इस मामले में अंबाला के जिला उद्यान अधिकारी वीरेंद्र पूनिया ने बताया कि ‘किसानों को अपनी सब्जी की फसल को पाले से बचाने के लिए लो टनल का इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि ज्यादा ठंड भी सब्जी की फसल के लिए अच्छी नहीं होती है.

लो टनल में खेती करने के लिए सरकार भी किसानों की आर्थिक और तकनीकी मदद करती है.

इस संरक्षित ढांचे में सब्जियों की फसल मौसम की मार और कीटों के प्रकोप से सुरक्षित रहती है.

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