कलेक्टर ने खेत में चलाया रोटावेटर, किसानों को नरवाई नहीं जलाने का दिया संदेश

फसल अवशेष यानी की नरवाई जलाने से होने वाले नुकसान को बताने के साथ ही नरवाई को खेत की मिट्टी में मिलाने से होने वाले फायदों को बताने के लिए विदिशा जिले के कलेक्टर ने खेत में रोटावेटर चलाया।

रबी फसलों की कटाई के बाद किसानों द्वारा खेतों में शेष रह गए अवशेषों यानि की नरवाई को जलाने से रोकने के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं

एक तरफ नरवाई जलाने वाले किसानों पर अर्थदंड लगाया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ सरकार ने नरवाई जलाने वाले किसानों को अब सरकारी योजनाओं से वंचित करने का भी फैसला लिया है।

ऐसे में किसान खेतों में शेष रह गए अवशेषों का उचित तरह से प्रबंधन कर सकें इसके लिए शासन द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं।

किसान फसल अवशेष (नरवाई) ना जलाएं इसके लिए शासन द्वारा चौतरफा प्रबंध सुनिश्चित किए जा रहे है।

जिसमें व्यापक प्रचार-प्रसार के साथ-साथ ग्राम स्तरों पर चौपालों व कार्यशालाओं का आयोजन कर किसानों को नरवाई जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जा रहा है।

इस कड़ी विदिशा जिले के कलेक्टर अंशुल गुप्ता ने स्वयं नरवाई को जैविक खाद में बदलने के लिए रोटावेटर चलाकर नरवाई नहीं जलाने का संदेश दिया।

 

किसानों को बताए गए नरवाई नहीं जलाने के फायदे

कलेक्टर गुप्ता ने विदिशा की तहसील के ग्राम वन में प्रगतिशील किसान के खेत में पहुँचकर गेंहू की फसल की कटाई के उपरांत खेतों में खड़ी नरवाई को देखा और खेतों में आग नहीं लगाने का संदेश किसानों को दिया।

इसके बाद ट्रैक्टर में सवार होकर खेत में ट्रैक्टर चलाया और पीछे लगे रोटावेटर से नरवाई को हटाने का कार्य तकनीकी रूप से किया।

इस दौरान कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों को नरवाई मिट्टी में मिलाने से होने वाले फायदों के बारे में बताया।

विदिशा जिले के कलेक्टर अंशुल गुप्ता ने जिले के सभी किसानों से अपील की है कि नरवाई जलाएं नहीं, नरवाई जलाने से होने वाले दुष्परिणामों से बचने के लिए नरवाई वाले खेतों में कल्टीवेटर के माध्यम से नरवाई प्रबंधन के लिए कृषि विभाग के माध्यम से क्रियान्वित योजनाओं का लाभ उठाएं।

नरवाई जलाने वाले किसानों को नहीं मिलेगा इन सरकारी योजनाओं का लाभ

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