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चने की फसलों पर पीले कीट का मंडराया खतरा

 

वैज्ञानिकों ने दी सलाह

 

रबी फसलों की बुवाई का समय चल रहा है.

ऐसे में सभी राज्यों के किसानों ने गेंहू, जौ, जई, तोरई(लाही, राई और सरसों, पीली सरसों, अलसी, रबी मक्का, शिशु मक्का(बेबी कॉर्न)की खेती, चना, मटर, मसूर, रबी राजमा, बरसीम, मशरूम की खेती, आलू की खेती आदि कर रहे हैं.

लेकिन ऐसे में मध्यप्रदेश के किसानों के लिए यह रबी मौसम फसलों के उत्पादन के मामले में काफी भारी पड़ रहा है.

 

बता दें इन दिनों मध्यप्रदेश में चने की फसल में कीट का खतरा मंडराने लगा है.

ऐसे में किसानों के लिए यह एक चिंता का विषय बना गया है.किसान अपनी फसल को बचाने के लिए कई तरह के प्रयास कर रहे हैं.

लेकिन वो असमर्थ है.किसानों की इन समस्याओं से निजात दिलाने के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को कीट के प्रकोप से चने की फसल को बचाने के लिए सलाह दी है.

 

कृषि वैज्ञानिक द्वारा दी गई सलाह

बता दें मौसम और कृषि वैज्ञानिक डॉ.एसएस तोमर ने कहा है कि मौसम की अनियमितता और अन्य गड़बड़ी होने से चने की फसल पर कीट का हमला होने की सम्भावना है.

ऐसे में किसानों को काफी एहतियात बरतनी  चाहिए और इसके अलावा फसल के साथ मेडों पर भी कीटनाशक का छिड़काव करना होगा.

 

आगे उन्होंने कहा कि अगर चने की फसल पर पीले कीट का हमला हो रहा है तो यह बहुत ही गंभीर समस्या है क्योंकि पीला कीट बहुत खतरनाक होता है, क्योंकि यह प्रतिदिन लाखों कीट पैदा करने की क्षमता रखता है

यह कीट पौधों का रस चूसता है.कुछ दिन बाद इनमें पंख आ जाएंगे जब इन्हें कंट्रोल करना मुश्किल होगा, इसलिए यह उपचार करना बहुत जरुरी होगा.

वैज्ञानिकों का कहना है कि यह समय चने की फसलों के लिए अच्छा नहीं  है.इनमें पीले कीट का खतरा बढ़ गया है.

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