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पीएम किसान योजना में किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार ने उठाए यह कदम

देश में किसानों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से फरवरी 2019 से देश भर में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना चलाई जा रही है।

इस योजना के अंर्तगत प्रत्येक चार महीने में तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से देश भर के किसानों के परिवारों के बैंक खातों में दिया जाता है।

लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने यह जानकारी दी।

 

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना

केंद्रीय कृषि मंत्री ने अपने जवाब में यह बताया कि लाभार्थियों के पंजीकरण और सत्यापन में पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखते हुए, भारत सरकार ने 11 करोड़ से ज्यादा किसानों को 2.80 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का वितरण किया है।

बता दें कि योजना के तहत अभी तक किसानों को 15 किस्तें दी जा चुकी है।

 

किसान यहाँ कर सकते हैं शिकायत

कृषि मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि पीएम-किसान योजना के तहत एक मजबूत शिकायत निवारण प्रणाली लागू की गई है।

किसान समय पर और प्रभावी समाधान के लिए पीएम-किसान पोर्टल और 24x7 आईवीआरएस सुविधा पर अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं।

इसके अलावा किसानों को लोक शिकायत पोर्टल के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज करने की सुविधा भी उपलब्ध है।

इसके अतिरिक्त भारत सरकार ने किसान ई-मित्र (एआई चैटबॉट) विकसित किया है। जो अभी 5 भाषाओं में उपलब्ध है।

इसमें अंग्रेजी, हिंदी, उड़िया, तमिल और बांग्ला भाषा शामिल है।

किसान ई-मित्र (एआई चैटबॉट) की मदद से उनकी अपनी भाषाओं में उनकी समस्याओं का समाधान प्राप्त किया जा सकता हैं।

किसान ई-मित्र किसानों की मौजूदा तकनीकी और भाषा संबंधी बाधाओं को दूर करता है।

 

किसान एप की मदद से घर बैठे कर सकते हैं ई-केवाईसी

सरकार ने चेहरा प्रमाणीकरण आधारित ई-केवाईसी की सुविधा के साथ पीएम-किसान मोबाइल ऐप विकसित किया है।

यह ऐप पहला मोबाइल ऐप है जो सरकार की किसी भी लाभकारी योजना में चेहरा प्रमाणीकरण आधारित ई-केवाईसी सुविधा प्रदान करता है।

यह मोबाइल ऐप उपयोग करने में बहुत आसान है और गुगल प्ले स्टोर पर डाउनलोड के लिए आसानी से उपलब्ध है।

यह किसानों को बिना किसी ओटीपी या फिंगरप्रिंट के देश के दूरदराज क्षेत्रों में भी घर से अपना ई-केवाईसी पूरा करने का अधिकार प्रदान करता है, सिर्फ उनके चेहरे को स्कैन करके।

इससे किसानों को बायोमेट्रिक आधारित ई-केवाईसी के लिए सीएससी जाने की आवश्यकता या उनके आधार में मोबाइल लिंक करने की अनिवार्यता समाप्त हो जाती है।

एक बार जब किसान मोबाइल ऐप डाउनलोड कर लेता है, तो वह अपना ई-केवाईसी कर सकता है।

अब किसान अपने पड़ोस के 100 अन्य किसानों को भी अपने घर पर ई-केवाईसी पूरा करने में सहायता कर सकते हैं।

इसके अलावा एप्लिकेशन में ऐसा प्रावधान भी किया है जो किसी भी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकार के पंजीकृत अधिकारियों को 500 किसानों का ई-केवाईसी करने की अनुमति प्रदान करता है।

एप्लिकेशन की शुरुआत होने के बाद से, लगभग 20 लाख किसानों ने सफलतापूर्वक अपना ई-केवाईसी पूरा किया है।

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