मंडी में नए सोयाबीन के दाम लागत से कम, एमएसपी से कम में बिका तो मिलेगा भावांतर

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CM मोहन ने कहा- किसानों को मिलेगा MSP का लाभ

MP News: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसान पहले की भांति मंडियों में सोयाबीन का विक्रय करेगा.

अगर एमएसपी से कम कीमत पर सोयाबीन बिकता है तो किसानों के घाटे की भरपाई भावान्तर योजना के तहत सरकार द्वारा की जाएगी.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि किसानों का कल्याण मध्यप्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए भावान्तर योजना लागू की जा रही है. किसानों को किसी भी हालत में घाटा नहीं होने देंगे.

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी सरकार किसानों को सोयाबीन का उचित मूल्य दिलवाने के लिए प्रतिबद्ध है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोयाबीन के लिए एमएसपी प्रति क्विंटल 5328 रुपए घोषित की है. किसान संघों के सुझाव पर राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि इस वर्ष सोयाबीन के किसानों को भावान्तर का लाभ दिया जाएगा.

 

भावांतर योजना में पंजीयन होगा आवश्यक

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसान पहले की तरह मंडियों में सोयाबीन का विक्रय करेगा.

अगर एमएसपी से कम कीमत पर सोयाबीन बिकता है तो किसानों के घाटे की भरपाई भावान्तर योजना के तहत सरकार द्वारा की जाएगी.

फसल के विक्रय मूल्य और न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP के अन्तर की राशि सीधे सरकार देगी.

उन्होंने कहा कि भावांतर योजना में किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ की जा रही है.

 

ऐसे होगा क्षतिपूर्ति का आंकलन

यदि मंडी में औसत गुणवत्ता की कृषि उपज का विक्रय मूल्य न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम हो लेकिन राज्य सरकार द्वारा घोषित औसत मॉडल भाव से अधिक हो तो किसान को केवल न्यूनतम समर्थन मूल्य और वास्तविक बिक्री मूल्य के अंतर की क्षतिपूर्ति दी जाएगी.

यदि मंडी में कृषि उपज का विक्रय मूल्य राज्य सरकार द्वारा घोषित औसत मॉडल भाव से भी कम हो तो किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य और घोषित औसत मॉडल भाव के अंतर की क्षतिपूर्ति दी जाएगी.

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पहले भी फसलों की क्षति पर किसानों को राहत राशि प्रदान की गई है.

किसान हितैषी निर्णय पहले भी लिए गए हैं. बाढ़ से प्रभावित किसानों को भी सहायता दी गई. सकंट की घड़ी में किसानों के साथ सरकार सदैव खड़ी है.

पीले मोजेक से हुए नुकसान के लिए भी सर्वे करवाया जा रहा है. किसानों को प्रभावित फसलों के लिये आवश्यक राहत प्रदान की जाएगी.

 

10 अक्टूबर से शुरू होंगे पंजीयन, दिवाली के बाद खरीदी

भावांतर का लाभ लेने के लिए भी किसानों को उपज बेचने से पहले पंजीयन करना होगा। ये पंजीयन मंडी अथवा कियोस्क सेंटर पर कराए जा सकते हैं।

जिसकी शुरुआत 10 अक्टूबर से होगी। 25 अक्टूबर तक पंजीयन की प्रक्रिया चलेगी और दीपावली पश्चात खरीदी पर लाभ मिलेगा।

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