जल्दी मानसून से दिक्कत नहीं, देरी से बुवाई की फसलों पर संकट

समय रहते तैयारी करें किसान

मध्यप्रदेश में इस वर्ष मानसून सामान्य समय से चार दिन पहले आने की संभावना है। सामान्यतः यह 18 से 20 जून के बीच आता है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार जल्दी मानसून आना समस्या नहीं है, लेकिन इससे कुछ फसलों के लिए संकट जरूर खड़ा हो सकता है।

जल्दी मानसून मूंग-उड़द के लिए खतरा बन सकता है, वहीं मक्के की फसल को इससे बड़ा फायदा होगा। समय पर वर्षा से मक्का की बुवाई और अंकुरण बेहतर होगा, जिससे उत्पादन में वृद्धि हो सकती है।

जल्दी मानसून आने के कारण देरी से बोई गई फसलों पर इसका आशिक असर पड़ सकता है। इसके लिए जरूरी है कि पहले से ही तैयारी कर लें।

कृषि वैज्ञानिक डॉ. एके सिंह का कहना है कि मानसून अगर समय से पहले आता है और शुरुआत में ही अच्छी बारिश होती है तो देरी से बोई गई गर्मी की फसलें जैसे मूंग और उड़द के लिए खतरा हो सकता है।

खेतों में अभी कई जगहों पर ये फसलें खड़ी हैं, जिनकी कटाई अभी नहीं हुई है।

 

तीन इंच तक नमी आने पर करें जुताई

कृषि वैज्ञानिक डॉ. एके सिंह ने किसानों को सलाह दी है कि वे मानसून की पूर्व तैयारी रखें।

जैसे ही मिट्टी में लगभग तीन इंच तक नमी आ जाए, खेतों की जुताई शुरू कर देनी चाहिए। इससे बुवाई बेहतर होगी और नमी का अधिकतम लाभ मिलेगा।

मानसून का आना समग्र रूप से नुकसानदायक नहीं है, लेकिन किसानों को पूर्व तैयारी करनी होगी ताकि फसल और उपज दोनों सुरक्षित रह सकें।

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