ये 3 हाइब्रिड मक्का की किस्में कम समय में देंगी 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज

जानें कितने दिन में होगी फसल तैयार

मक्का की खेती अब किसानों के लिए सिर्फ विकल्प नहीं, बल्कि आय बढ़ाने का एक मजबूत साधन बन चुकी है. खासकर मुरादाबाद जैसे क्षेत्रों में, जहां पारंपरिक खेती के मुकाबले अब मक्का की ओर रुझान बढ़ रहा है.

यदि यह रुझान इसी तरह जारी रहा, तो आने वाले समय में मक्का किसानों के लिए “सोना उगलने वाली फसल” साबित हो सकती है.

खेती-किसानी के क्षेत्र में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए मक्का की खेती/ Maize Farming एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभरी है.

यह फसल कम समय में तैयार होने के साथ-साथ अच्छी पैदावार भी देती है. खासकर मक्का की कुछ हाइब्रिड किस्में/ Hybrid Varieties of Maize ऐसी हैं, जो किसानों को बहुत कम समय में मोटा मुनाफा दे रही हैं.

यही कारण है कि अब मुरादाबाद के किसान भी पारंपरिक खेती/ Traditional Farming को छोड़कर मक्का की खेती की ओर तेजी से रुख कर रहे हैं.

आइए आज के इस आर्टिकल में हम मक्का की हाइब्रिड किस्मों/Hybrid Varieties of Maize के बारे में जानते हैं, जो कम खर्च में अच्छा उत्पादन देती है.

 

मक्का की “शक्तिमान” किस्म बनी किसानों की पहली पसंद

मक्का की शक्तिमान किस्म ने बाजार में अपनी खास पहचान बनाई है. यह किस्म न केवल जल्दी तैयार होती है, बल्कि अच्छी पैदावार भी देती है.

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, यह किस्म सिर्फ 80 से 90 दिनों में पककर तैयार हो जाती है.

इससे 55 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन मिल सकता है. इन दिनों शक्तिमान किस्म की मांग तेजी से बढ़ रही है.

किसानों को इससे अच्छा मुनाफा हो रहा है, इसलिए अब इस क्षेत्र के कई किसान इसकी बुवाई की ओर बढ़ रहे हैं.

 

हाइब्रिड किस्म “पार्वती” भी है लाभकारी

मक्का की एक और हाइब्रिड किस्म “पार्वती” भी किसानों के बीच लोकप्रिय हो रही है. इस किस्म को अगेती और पछेती दोनों ही मौसम में बोया जा सकता है.

यह फसल 90 से 100 दिनों में तैयार होती है और 45 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन देती है.

राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात के किसानों में यह किस्म पहले से ही लोकप्रिय है. अब उत्तर भारत के किसान भी इस किस्म को अपनाने लगे हैं.

 

दक्षिण भारत में पसंद की जाती है “पूसा हाइब्रिड-1”

दक्षिण भारत के राज्यों जैसे तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में मक्का की “पूसा हाइब्रिड-1” किस्म को काफी पसंद किया जाता है.

यह किस्म 80 से 90 दिनों में तैयार हो जाती है और इसका उत्पादन भी 55 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होता है.

 

खेती में तकनीकी सलाह से मिल रहा लाभ

यदि किसान सही समय पर बुवाई करें, उन्नत किस्मों का चुनाव करें और उचित देखभाल करें, तो मक्का की खेती से बहुत अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.

सरकार द्वारा भी किसानों को समय-समय पर मक्का की खेती से जुड़ी जानकारी, उन्नत बीज और प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है.

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