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महिला किसानों के लिए बड़े काम के हैं ये कृषि यंत्र

 

अच्छी खेती तो होती ही है, समय भी लगता है कम

 

महिलाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इन कृषि यंत्रों को विशेष रूप से डिजाइन किए गए हैं.

इनकी कीमत भी बहुत ज्यादा नहीं है. ऐसे में महिला किसान इनका उपयोग कर सकती हैं.

 

खेती-किसानी में जितना योगदान पुरुषों का है, आधी आबादी उनसे कहीं भी पीछे नहीं है.

रिपोर्ट तो कहती है कि खेतों में महिलाएं पुरुषों से ज्यादा काम करती हैंं.

इसे ही ध्यान में रखकर देश के वैज्ञानिकों ने महिलाओं के लिए ऐसे कृषि यंत्र बनाए हैं जो उनके लिए आरामदायक और सुविधाजनक हैं.

 

महिलाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इन कृषि यंत्रों को विशेष रूप से डिजाइन किए गए हैं.

इनकी कीमत भी बहुत ज्यादा नहीं है. ऐसे में महिला किसान इनका उपयोग कर सकती हैं.

 

नवीन डिबलर

उपयोग: नवीन डिबलर का उपयोग खेत में छोटे स्तर पर मक्का, सोयाबीन, मटर और सोरघम जैसे मध्यम एवं बड़े बीजों की कतार तथा निश्चित अन्तराल मे बुबाई करने के लिए किया जाता है.

 

कार्यविधि: इस डिबलर में पंजे के आकार का बीज गिराने का यन्त्र, सेल की तरह मीटर मशीन, रोलर और लीवर टाइप पावर ट्रांसमिशन सिस्टम एवं बीज गिराने के लिए एक बीज बॉक्स लगा होता है.

बीज को खेतों में बोने के बाद, वांछित जगह पर डिबलर रखना चाहिए और जबड़े को खोलने के लिए धीरे-धीरे लीवर (डिब्बलर के सामने) को धक्का देना चाहिए ताकि बीज गिर जाए.

 

लाभ: यह झुकाव की मुद्रा से बचाता है, जिसे आमतौर पर पारंपरिक विधि में अपनाया जाता है. बीज के नुकसान को कम करता है.

 

सीआईएई सीड ड्रिल

उपयोग: इस यंत्र का उपयोग गेहूं, सोयाबीन, मक्का, चना, और अरहर के बीज एक पंक्ति में बोने के लिए किया जाता है.

 

कार्यविधि: इस सीड ड्रिल में हैंडल, बीज के लिए हॉपर, एक ग्राउंड व्हील, एक फ्लुटेड रोलर और ड्रिल खींचने के लिए एक हुक होता है.

बीज को गिराने का कम फ्लुटेड रोलर से किया जाता है. इसे चेन और स्पॉकेट तंत्र के माध्यम से ग्राउंड व्हील शाफ्ट से संचालित किया जाता है.

इसका उपयोग अच्छी तरह से तैयार खेत में ही किया जाता है.

 

लाभ: इसके उपयोग से पारंपरिक विधि की अपेक्षा झुकाव मुद्रा से बचा जा सकता है.

श्रमिक लागत और कड़ी मेहनत में कमी लाई जा सकती हैं.

इसके द्वारा बीज की बचत की जा सकती है.

 पारंपरिक विधि की तुलना में 18 गुना अधिक क्षेत्र में बुबाई की जा सकती है.

 

दो पंक्ति धान पौध रोपण यंत्र

उपयोग: इसका उपयोग मचे हुये खेत में एक साथ दो पंक्तियो में चटाई की तरह धान पौध की रोपाई के लिए किया जाता है.

 

कार्यविधि: इस उपकरण में धान पौध खिसकाने वाली ट्रे, हत्था, पौध पकड़ने वाली ट्रे एवं गहराई नियंत्रण तंत्र होता हैं.

उपकरण संचालित करने के लिए एक चटाई नुमा ट्रे होती है. इसका उपयोग करने के लिए खेत में कम से कम 25-50 मिमी पानी होना चाहिए.

 

लाभ: इसके द्वारा एक साथ दो पंक्तियों में धान रोपण किया जा सकता है.

यह पारंपरिक विधि में होने वाले शरीर के झुकाव से बचाता है जिससे पीठ में होने वाले दर्द से छुटकारा मिलता है. 

कतार में बुबाई होने से खरपतवार निकालने में लगने वाली लागत एवं श्रम दोनों कम हो जाते है. 

समय और श्रम दोनों की बचत होती है. पारंपरिक विधि की तुलना में इसमें 79 प्रतिशत कार्यक्षमता में वृद्धि होती है.

 

गन्ना बड चिपर

उपयोग: इसका उपयोग गन्ने के गठान को अलग करने के लिए किया जाता है.

 

कार्यविधि: इस यंत्र में अर्धगोलाकार चाकू हस्तचलित लीवर में लगा होता है.

गन्ने को प्लेटफार्म पर रखकर चाकू को हस्तचलित लीवर से दबाकर 180 डिग्री पर घूमा देने से गन्ने से उसकी गठान अलग हो जाती है जो सीधे खेत में बोने के लिए उपयोग की जा सकती है।

 

लाभ: गन्ने की बर्बादी को कम करता है. गन्ने की गठानों को सीधे बोने के लिए उपयोग किया जा सकता है.

 गन्ने की गठानों को सफ़ाई से अलग किया जा सकता है. इसकी सहायता से 250 गठाने प्रति घंटे की दर से अलग की जा सकती है.

source : tv9

 

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