यूरिया डीएपी जैसे अन्य रासायनिक उर्वरक
देश में किसानों की आमदनी में बढ़ावा करने हेतु साथ ही किसानों की भूमि की मिट्टी का स्वास्थ्य साथ में उसे उपजाऊ बनाए रखने के लिए सरकार द्वारा मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता योजना एवं परंपरागत कृषि विकास योजना और पीएम प्रणाम योजना चलाई जा रही है.
आज के दिनों में हम देख रहे हैं कि रासायनिक करो के उपयोग से मिट्टी की उपजाऊ क्षमता में कमी होने लगी है.
मिट्टी के साथ फसलों में पोषक तत्वों को बढ़ाने के लिए रासायनिक करो का अत्यधिक प्रयोग किया जा रहा है इसके लिए किसानों को जागृत कर रासायनिक उर्वरक के उपयोग काम करने हेतु सरकार पूरे देश में योजनाएं चल रही है.
मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता योजना
यह योजना साल 2014 में शुरू की गई थी जिसका उद्देश्य मिट्टी में पोषक तत्वों की वृद्धि और प्रबंधन को बढ़ाने हेतु सहायता करना है.
इस योजना के माध्यम से किसानों को रासायनिक उर्वरकों को छोड़कर जैविक करो के उपयोग को शामिल करना है, जिस मिट्टी का स्वास्थ्य और उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी.
इस योजना के अंतर्गत मिट्टी की जांच कर मिट्टी में कर्मियों को बात कर जानकारी देना है किसानों को अब तक 25.13 करोड़ करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड दे दिए गए हैं.
परंपरागत कृषि विकास योजना
उर्वरक मंत्री द्वारा राज्यसभा में बताया गया कि पूर्वोत्तर के राज्यों को छोड़कर सभी राज्य और केंद्र शासित राज्यों में पारंपरिक खेती को बढ़ावा देने हेतु इस योजना के माध्यम से किसानों को 3 साल में 31500 रुपए प्रति हेक्टेयर की सहायता दी जाती है,
इसमें जैविक करो के लाभ के लिए ₹15000 प्रति हेक्टेयर की राशि प्रदान की जाती है.
इस योजना में जैविक खेती करने हेतु अनुदान दिया जा रहा है जिससे किसानों को लाभ मिल रहा है.
पीएम प्रणाम योजना
यह योजना को 28 जून 2023 को आर्थिक मामलों की मंडलीय समिति ने पीएम प्रणाम योजना को मंजूरी प्रदान की है.
इस योजना का उद्देश्य किसानों द्वारा किए जा रहे रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग को रोककर जैविक खेती को बढ़ाने तथा संरक्षण से मृदा स्वास्थ्य को बचाने के लिए जन आंदोलन को समर्थन करना है.
इस योजना के तहत सभी राज्यों के किसानों को रासायनिक उर्वरकों के उपयोग में कमी लाकर जैविक खेती करने हेतु प्रोत्साहन के लिए राशि प्रदान करने का प्रावधान है.
इन कृषि यंत्रो को अनुदान पर लेने हेतु किसान जल्द से करें आवेदन

