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फलो व सब्जियों की ढुलाई, रेलवे ऐसे बढ़ा रहा है किसानों की आय

50% की सब्सिडी

 

सरकार किसान रेल का उपयोग खराब होने वाली वस्तुओं को तय समय के भीतर अपने गंतव्य तक पहुंचाने के लिए उपयोग कर रही है.

परिवहन की जाने वाली मुख्य फसलों/कृषि उत्पादों में संतरा, प्याज, आलू, केला, आम, टमाटर, अनार, कस्टर्ड सेब, शिमला मिर्च, चीकू, गाजर आदि शामिल हैं.

 

किसानों की आय बढ़ाने में भारतीय रेलवे भी अहम योगदान दे रही है.

किसानों की बड़े बाजारों तक पहुंच आसान हो इसके लिए अब तक 2359 रेल सेवाएं चलाई जा चुकी हैं.

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुताबिक अब तक 8 लाख टन से ज्यादा कृषि उत्पादों की ढुलाई इस माध्यम से हो चुकी है.

 

यह फल सब्जियां शामिल

सरकार किसान रेल का उपयोग खराब होने वाली वस्तुओं को तय समय के भीतर अपने गंतव्य तक पहुंचाने के लिए उपयोग कर रही है.

परिवहन की जाने वाली मुख्य फसलों/कृषि उत्पादों में संतरा, प्याज, आलू, केला, आम, टमाटर, अनार, कस्टर्ड सेब, शिमला मिर्च, चीकू, गाजर आदि शामिल हैं.

किसान रेल का मुख्य उद्देश्य

  • फल, सब्जियां, मांस, पोल्ट्री, मत्स्य और डेयरी उत्पादों सहित खराब होने वाली वस्तुओं की आवाजाही को सक्षम बनाना.
  • आवाजाही का शीघ्र संचालन कर न्यूनतम क्षति को सुनिश्चित करना.
  • बड़े बाजारों तक किसानों की पहुंच बढ़ाना.
  • कम उपज वाले छोटे किसानों को भी बिना किसी बिचौलिए के अपनी फसल बेचने की सुविधा देना.
  • परिवहन समय और लागत में कमी के कारण अंतिम उपभोक्ताओं (बड़े शहरों और खपत केंद्रों पर) को सस्ते दामों पर कृषि उत्पाद उपलब्ध कराना.

 

माल ढुलाई पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी

सभी किसान रेल ट्रेन सेवाओं के लिए पार्सल टैरिफ के ‘पी-स्केल’ पर शुल्क लिया जाता है.

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (एमओएफपीआई) के ‘ऑपरेशन ग्रीन्स-टॉप टू टोटल’ योजना के तहत किसान रेल ट्रेनों की सेवाओं के माध्यम से फलों और सब्जियों के परिवहन पर माल ढुलाई में 50 प्रतिशत की सब्सिडी भी दी जाती है.

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