कृषि रसायनों का उपयोग कृषि उत्पादन के लिए आवश्यक हो सकता है, लेकिन इसके गलत और अनियमित उपयोग से मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है.
सुरक्षित उपयोग और प्रबंधन की विधियों को अपनाकर इन दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है.
इसके साथ ही, जैविक और पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों को प्राथमिकता देकर हम सतत कृषि और स्वस्थ समाज की ओर कदम बढ़ा सकते हैं.
कृषि रसायनों का उपयोग
कृषि रसायनों के गलत प्रयोग का असर मानव स्वास्थ्य, पर्यावरण और कृषि पारिस्थितिकी तंत्र पर गंभीर रूप से पड़ता है.
डाक्टरों के अनुसार, इनसे बेहोशी, सिरदर्द, चक्कर, थकान, कैंसर, अंधापन, दमा, उच्च रक्तचाप, गर्भपात, नपुंसकता और त्वचा रोग जैसे गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.
खासकर पंजाब और हरियाणा जैसे कृषि प्रधान राज्यों में कैंसर जैसी बीमारियों की बढ़ी हुई दर इसकी पुष्टि करती है.
कृषि रसायन धीरे-धीरे मृदा, जल और वायु में घुल-मिलकर इन संसाधनों को प्रदूषित करते हैं.
इससे न केवल जैव विविधता को नुकसान होता है, बल्कि खाद्य सुरक्षा पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
सुरक्षित उपयोग और प्रबंधन की आवश्यकता
इन दुष्प्रभावों से बचने के लिए कृषि रसायनों के सुरक्षित उपयोग और प्रबंधन को प्राथमिकता देना आवश्यक है.
किसानों और कृषि कर्मियों को सही जानकारी और उपकरणों से सुसज्जित करना इस दिशा में पहला कदम है.
कृषि रसायनों की खरीद और भंडारण
प्रामाणिक उत्पादों का चयन: कृषि रसायन केवल प्रतिष्ठित और ब्रांडेड कंपनियों से ही खरीदें. लेबल के बिना उत्पाद खरीदने से बचें.
सुरक्षित भंडारण: इन रसायनों को बच्चों, पशुओं और खाद्य सामग्री से दूर रखें. इन्हें ठंडी, सूखी और हवादार जगह पर रखें.
पैकेजिंग और लीक की जांच: फटे या लीक हो चुके पैकेट्स का प्रयोग न करें.
सुरक्षा उपकरणों का उपयोग
कृषि रसायनों का उपयोग करते समय सुरक्षात्मक कपड़े, दस्ताने, मास्क, टोपी और सुरक्षा चश्मा पहनें.
शरीर के किसी भी हिस्से पर रसायन का संपर्क होने से बचें.
रसायनों का घोल बनाना और छिड़काव
निर्देशों का पालन: पैकेज पर दिए गए निर्देशों के अनुसार ही घोल तैयार करें. अनुशंसित मात्रा और सांद्रता का उपयोग करें.
उपकरण की जाँच: छिड़काव के उपकरण साफ और दोषरहित होने चाहिए.
अनुकूल समय: तेज हवा, बारिश और अत्यधिक गर्मी में छिड़काव न करें.
पशु और मनुष्यों की सुरक्षा: छिड़काव के बाद कुछ समय तक खेतों में प्रवेश प्रतिबंधित करें.
पर्यावरण संरक्षण
बचा हुआ रसायन और घोल तालाब, नदी या कुएं में न डालें.
खाली कंटेनरों को पुनः उपयोग करने के बजाय नष्ट करें. इन्हें गड्ढे में दबाकर सुरक्षित तरीके से निपटाएं.
आपातकालीन उपाय और चिकित्सा परामर्श
कृषि रसायनों के संपर्क में आने पर तुरंत प्रभावित स्थान को साबुन और स्वच्छ पानी से धोएं.
गंभीर स्थिति में निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं और उपयोग किए गए रसायन की जानकारी दें.
जागरूकता और प्रशिक्षण
सरकार, कृषि वैज्ञानिक और विभिन्न संस्थान किसानों और कृषि कर्मियों को रसायनों के सुरक्षित उपयोग और वैकल्पिक उपायों के बारे में जागरूक कर रहे हैं.
नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से उन्हें आधुनिक तकनीकों और जैविक विकल्पों से अवगत कराया जा रहा है.
जैविक और वैकल्पिक विधियाँ
कृषि रसायनों के दुष्प्रभावों से बचने का सबसे प्रभावी तरीका जैविक कृषि की ओर रुख करना है.
जैविक खाद, जैव नियंत्रण एजेंट, फसल चक्र और मिश्रित खेती जैसी तकनीकों से न केवल फसल उत्पादन बढ़ता है, बल्कि पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य की भी रक्षा होती है.
नो2विल्ट और AntTR4 जैसे विकल्प
ICAR-NRCB और RPCAU, पूसा जैसे संस्थानों द्वारा विकसित माइक्रोबियल कंसोर्टिया जैसे No2Wilt और AntTR4 जैविक विकल्प के रूप में प्रभावी हैं.
ये रसायनों के उपयोग को कम करने और मिट्टी की गुणवत्ता को बनाए रखने में मदद करते हैं.
इन कृषि यंत्रो को सब्सिडी पर लेने हेतु अब 06 जनवरी तक कर सकते है आवेदन