रबी सीजन की फसलों की बुआई का समय हो गया है, जिसको देखते हुए राज्य सरकारों द्वारा किसानों को समय पर खाद-बीज एवं पानी मिल सके इसके लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं।
इस कड़ी में मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कमिश्नर कार्यालय सभागार रीवा में संभाग की प्रमुख सिंचाई परियोजनाओं की समीक्षा की।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटी-मोटी बाधाओं के कारण बहुती माइक्रो इरिगेशन से सिंचाई शुरू नहीं हो पा रही है।
जल संसाधन विभाग के अधिकारी तथा निर्माण एजेंसी बहुती नहर निर्माण के छूटे हुए भाग में तत्काल निर्माण कार्य शुरू कराएं।
नहरों से सिंचाई के लिए पानी
उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य के दौरान कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए कमिश्नर तथा पुलिस महानिरीक्षक आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें।
लगभग 10 स्थानों में अधिग्रहीत भूमि पर निर्माण कार्य में बाधा डालने के कारण 65 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा नहीं मिल पा रही है।
सभी निर्माण कार्य 30 दिन में पूरा करके बहुती माइक्रो इरिगेशन से किसानों को सिंचाई के लिए उपलब्ध कराया जाए।
इन नहर परियोजनाओं का काम किया जाएगा पूरा
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हनुमना उद्वहन सिंचाई परियोजना से सीधी, मऊगंज और रीवा जिले के बड़ी संख्या में किसानों को लाभ मिलेगा।
इसके लिए शासन द्वारा चार हजार करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। इसका मुख्य बांध सीधी जिले में सोन नदी पर बनाया जाएगा।
इससे उद्वहन द्वारा पानी मऊगंज और हनुमना में पहुंचाया जाएगा।
परियोजना के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति तथा अन्य सभी अनुसंशाओं के लिए तत्काल आवेदन कर दें।
मुख्य वन संरक्षक परियोजना की पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए विभागीय मापदण्डों के अनुसार शीघ्र स्वीकृतियाँ जारी कराएं।
उप मुख्यमंत्री ने नई गढ़ी सूक्ष्म दाब सिंचाई परियोजना की नहरों का निर्माण भी शीघ्र पूरा कराने के निर्देश दिए।
30 दिनों में पूरा किया जाएगा निर्माण कार्य
बैठक में बताया गया कि बहुती सिंचाई परियोजना में 21 किलोमीटर नहर तथा छुहिया घाटी में 3.1 किलोमीटर की टनल का निर्माण पूरा हो गया है।
मैहर, सीधी और रीवा जिले के कुल 11 स्थानों में नहर निर्माण के लिए अर्जित भूमि पर निर्माण कार्य में कठिनाई आ रही है।
इन कठिनाईयों को दूर करके 30 दिन में निर्माण कार्य पूरा करा लिया जाएगा।
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