कई लोग पैसा कमाने के लालच में गाय-भैंस का दूध बढ़ाने के लिए इंजेक्शन लगाते हैं, जो बिल्कुल सही नहीं होता.
इसके बजाए कुछ सुरक्षित और देसी तरीकों को आजमा सकते हैं.
दूध बढ़ाने का मंत्र
भारत के दूध-डेयरी उत्पादों की दुनियाभर में डिमांड रहती है.
पहले तो ये बिजनेस दूध, दही, मक्खन तक ही सीमित था, लेकिन अब चीज़, म्योनीज, पनीर और टोफू की मांग भी बढ़ रही है.
इस मांग को पूरा करने के लिए दूध की अच्छी खासी खपत होती है.
कुछ डेयरी बिजनेस करने वाले पशुओं की संख्या बढ़ाकर दूध की मांग तो पूरा करते हैं तो कुछ मवेशियों को इंजेक्शन लगाकर.
ये पूरी तरह से असुरक्षित है, जो पशुओं की सेहत पर बुरा प्रभाव छोड़ता है.
ज्यादा इंजेक्शन का इस्तेमाल करने पर गाय-भैंस का दूध रिसने लगता है, जो सेहत में कमजोरी पैदा कर सकता है.
इस आर्टिकल में आज हम उन तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो ना सिर्फ दूध का नेचुरल प्रोडक्शन बढ़ाएंगे, बल्कि मवेशियों की सेहत भी अच्छी रहेगी.
आज कई गांव में किसान और पशुपालक इन देसी नुस्खों की तर्ज पर ही अच्छा पैसा कमा रहे हैं. आइए जानते हैं विस्तार से.
पशुओं को खिलाएं औषधीय चूर्ण
आज के समय में आयुर्वेद का महत्व बढ़ रहा है.
लोग अच्छी सेहत के लिए जड़ी-बूटियों का सेवन कर रहे हैं. पशुओं पर यही बात लागू होती है.
बाजार में कई कंपनियां आज प्राकृतिक औषधियों से पाउडर बना रही हैं.
इन पाउडर को चारा या पानी में मिलाकर देने से पशुओं का दूध बढ़ जाता है.
गांव के ज्यादाकर किसान और पशुपालकों को इस चूर्ण का नुस्खा पता ही होता है.
इसे 250 ग्राम गेहूं का दलिया, 100 ग्राम गुड़ सर्बत (आवटी), 50 ग्राम मैथी, एक कच्चा नारियल, 25-25 ग्राम जीरा व अजवाईन से भी बनाकर 2 महीने तक खिला सकते हैं.
- पशुओं का दूध बढ़ाने वाले औषधीय पाउडर बनाने के लिए दलिया, मैथी और गुड़ को अच्छी तरह पका लें.
- इसमें नारियल को पीसकर इस डालें और चूर्ण बनाकर रख लें.
- अब इस औषधीय पाउडर को 2 महीने तक रोजाना सुबह खाली पेट पशुओं को खिलाएं.
पशुओं को खिलाएं लोबिया घास
अगर आप भी अपने मवेशियों की दूध देने की क्षमता को बढ़ाना चाहते तो लोबिया घास एक अच्छा ऑप्शन है.
इस घास में औषधीय गुण होते हैं, जिसका कोई बुरा असर नहीं होता, बल्कि कुछ ही समय में दूध की मात्रा के साथ क्वालिटी भी बढ़ जाती है.
लोबिया घास की अच्छी बात यह भी है कि दूसरी किस्म की घास की तुलना में इसे खाने पर पशुओं का पाचन भी अच्छा रहता है.
इसमें मौजूद प्रोटीन और फाइबर पशुओं की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है.
बनाएं दवा
किसान और पशुपालकों का दूध बढ़ाने का सबसे अच्छा देसी नुस्खा सरसों का तेल और आटा ही है, जो दूध उत्पादन की क्षमता को आसानी से बढ़ा सकता है.
- सबसे पहले 200 से 300 ग्राम सरसों का तेल और 250 ग्राम गेहूं का आटा लेकर अच्छे से मिला लें,
- इसके बाद इस मिश्रण के पेड़े बनाकर रख लें, जिससे पशुओं को खिलाने में आसानी रहे.
- अब शाम के समय पशुओं को चारा और पानी देने के बाद इस दवा को खिलाएं
- ध्यान रखें कि इस दवा को खिलाने के बाद पशुओं को पानी नहीं देना है.
- यह देसी दवा सिर्फ 7 से 8 दिन तक ही दी जाती है, इसके बाद दोबारा पशुओं को ये दवा ना खिलाएं.
इन बातों का रखें खास ध्यान
इन घरेलू उपायों के साथ-साथ गाय-भैंस की अच्छी देखभाल करके भी दूध उत्पादन को बढ़ा सकते हैं
- पशुओं को तनाव मुक्त रखने के लिए हमेशा साफ-सफाई रखें और शोर-शराबा ना करें.
- पशुओं के रहने के लिए पक्की जगह का इंतजाम करें. ध्यान रखें कि फर्श पर फिसलन ना हो.
- पशुओं को समय-समय पर पानी पिलाते रहें और खाने के लिए हरा चारा भी दें.
- पशु चिकित्सक की सलाह पर पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए टीकाकरण अवश्य करवाएं.