कृषि विश्वविद्यालय ने जारी की महत्वपूर्ण सलाह
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा किसानों को कपास की बिजाई, खाद उर्वरक, बीज उपचार के लिए महत्वपूर्ण सलाह जारी की गई है।
देश के कई राज्यों में कपास की बुआई का समय हो गया है, ऐसे में किसान कम लागत में अधिक पैदावार प्राप्त कर सकें इसके लिए चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा किसानों के लिए सलाह जारी की गई है।
विश्वविद्यालय द्वारा जारी की गई सलाह में कपास की बुआई के लिए उपयुक्त समय, खाद उर्वरक का छिड़काव, उन्नत किस्में सहित बीज उपचार सहित महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है।
किसान कब करें कपास की बिजाई
- कृषि विश्वविद्यालय के मुताबिक किसान को देसी कपास की बिजाई अप्रैल महीने में ही पूर्ण कर लेनी चाहिए, वहीं बीटी नरमा की बिजाई मध्य मई तक पूरी कर लेनी चाहिए। विश्वविद्यालय द्वारा जून महीने में नरमा की बिजाई नहीं करने की सलाह दी गई है।
- किसान कपास की बिजाई से पहले पलेवा गहरा लगाएं, जिसके बाद अधिक लाभ के लिए पूर्व से पश्चिम दिशा में कपास की बिजाई करें। किसान कपास की बिजाई सुबह या शाम के समय ही करें।
- किसान कपास की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए स्टोम्प 2 लीटर प्रति एकड़ का छिड़काव बिजाई के बाद या जमाव से पहले करें।
- बीटी कपास के दो खूडों के बीच ग्रीष्मकालीन (MH 421) के दो खूड की बिजाई कर सकते हैं।
- जो किसान भाई टपका विधि से बीटी कपास की बिजाई करना चाहते हैं वह जब तक जमाव नहीं होता तब तक रोज 10 से 15 मिनट सुबह शाम ड्रिप अवश्य चलाएं एवं जमाव के बाद हर चौथे दिन लगभग 30 से 35 मिनट ड्रिप चलाएं।
किसान कपास में कितना खाद-उर्वरक डालें
विश्वविद्यालय द्वारा जारी सलाह में किसानों को मिट्टी की जाँच कराने को कहा गया है, जिसके आधार पर ही किसान पोषक तत्वों की मात्रा फसल में डालें।
बीटी नरमा की बिजाई के समय एक एकड़ में एक बैग यूरिया, एक बैग डीएपी, 30 से 40 किलोग्राम पोटाश व 10 किलोग्राम जिंक सल्फेट (21 प्रतिशत) खेत की तैयारी के समय अवश्य डालें।
वहीं देसी कपास की बिजाई के समय एक एकड़ में 15 किलोग्राम यूरिया व 10 किलोग्राम जिंक सल्फेट अवश्य डालें।
बीज की मात्रा और उन्नत किस्में
- हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित देसी कपास की उन्नत किस्में एचडी 123, एचडी 432 का चयन कर सकते हैं। इसके अलावा किसान अपने क्षेत्र के लिए उन्नत किस्मों की जानकारी के लिए अपने जिले के कृषि विभाग या कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क कर सकते हैं। बीटी नरमा का बीज प्रमाणित संस्था या अधिकृत विक्रेता से ही लें तथा इसका पक्का बिल अवश्य लें।
- अमेरिकन कपास के लिए किसान रोंये उतारे बीज 6 से 8 किलोग्राम प्रति एकड़ एवं रोंएदार बीज 8 से 10 किलोग्राम प्रति एकड़ का उपयोग करें। वहीं देसी कपास के लिए रोंये उतारे बीज 5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर एवं रोंएदार बीज 6 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ का उपयोग करें।
- किसान बीटी नरमा के दो पैकेट प्रति एकड़ के हिसाब से बिजाई करें। कतार से कतार व पौधों से पौधों की दूरी क्रमशः 100*45 सेंटीमीटर या 67.5*60 सेंटीमीटर रखें।
कपास के बीजों का उपचार कैसे करें
- जो किसान भाई अमेरिकन कपास (नॉन बीटी) या देसी कपास की बिजाई करना चाहते हैं वे किसान बिजाई से पहले रोए वाले बीज (6- 8 किलोग्राम) का 6 से 8 घंटे तक तथा रोयें उतारे गए बीज (5-6 किलोग्राम) का केवल दो घंटे तक निम्नलिखित दवाइयों से उपचार करें। एमिशन- 5 ग्राम, स्ट्रेप्टोसाइक्लीन-1 ग्राम, साक्सीनिक- 1 ग्राम को 10 लीटर पानी में मिलाकर उपचारित करें।
- इन दवाइयों से बीज उपचारित करने से पौधों का बहुत से फफूँदों तथा जीवाणुओं से बचाव हो जाता है। यह उपचार फसल को 40-45 दिन तक बचा सकता है। इसके बाद छिड़काव कार्यक्रम आरम्भ कर दें।
- जिन क्षेत्रों में दीमक की समस्या हो वहां उपयुक्त उपचार के बाद बीज को थोड़ा सुखाकर 10 मिली लीटर क्लोरपाइरीफ़ॉस 20 ई.सी. व 10 मिली लीटर पानी प्रति किलो बीज की दर से मिलाकर थोड़ा-थोड़ा बीज पर छिड़कें व अच्छी तरह मिलाएं तथा बाद में 30 से 40 मिनट बीज को छाया में सुखाकर बिजाई करें।
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