लहसुन के दाम बढ़े तो किसानों के चेहरे पर लौटी मुस्कान

फसल की देखभाल पर बढ़ा जोर

हाल ही में लहसुन की कीमतों में अचानक आई तेजी ने किसानों के बेहरे पर राहत और उम्मीद की मुस्कान ला दी है।

बोनी के समय जहां लहसुन के भाव बेहद निम्न स्तर पर थे, वहीं अब बाजार में दाम बढ़ने से किसानों का रुझान फसल की बेहतर देखभाल की ओर तेजी से बढ़ा है।

किसानों ने बताया कि बोवनी के दौरान लागत के मुकाबले भाव बहुत कम मिलने की आशंका थी, जिसके लेकिन अब मंडियों में कीमतों में सुधार होने से किसान लहसुन की चलते कई किसानों में निराशा थी।

पासल को निराई-गुड़ाई, संतुलित खाद, समय पर सिचाई और रोग नियंत्रण जैसी गतिविधियों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं।

कृषि के जानकारों के अनुसार पिछले सीजन में लहसुन उत्पादन में कमी तथा अन्य राज्यों से आवक घटने एवं मसाला उद्योग की मांग में तेजी सहित भंडारण में रखे स्टॉक का कम होना आदि कारणों से लहसुन की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है।

इसका सीधा फायदा उन किसानों को मिल रहा है जिन्होंने अब तक लहसुन संभाल कर रखी है।

 

93000 से 17000 रुपए हुए दाम

लहसुन बोवनी के समय 3 से 4 हजार तक ही सीमित थी तथा अब भाव अचानक 15 से ? 18 हजार तक हो गए। आगे और भी सुधार की उम्मीद किसान लगा रहे हैं।

किसान रमेश चौधरी ने बताया कि मैंने 20 दिन पहले लहसुन मंदसौर मंडी में जाकर ?3000 क्विटल में में बेची थी जबकि वही लहसुन राजगढ़ मंडी में अब 17000 रुपए क्विटल बिकी।

हालात यह बन गए थे कि बारिक व हल्की लहसुन जो मंडी में नहीं बिक रही थी किसान खेत एवं खलियान में फेंक आए थे,

लेकिन अचानक तेजी आने से वापस उनको बीनकर मंडी में बेच रहे हैं। जो किसान पहले लहसुन बेच चुके वे अपने-आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।

 

किसानों की रणनीति बदली

अब किसान फसल को नुकसानी से बचाने के लिए कीट-रोग नियंत्रण पर भी विशेष सतर्कता बरत रहे हैं।

खेतों में दवाइयों का छिड़काव, नमी संतुलन और पत्तियों की निगरानी नियमित रूप से की जा रही है ताकि उपज और गुणवत्ता दोनों बेहतर हो सकें।

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