अब बोवनी लेट हो रही, उपज पर पड़ेगा असर
मानसून में देरी के कारण सोयाबीन एवं अन्य खरीफ फसलों की बोवनी लेट हो रही है, इससे उपज पर क्या असर पड़ेगा, जानें।
मध्य प्रदेश के अधिकांश रकबे में सोयाबीन की बोवनी होती है।
किसान सोयाबीन एवं अन्य खरीफ फसलों की खेती करने के लिए तैयार बैठे हैं, इस बीच मानसून में देरी की वजह से किसान बोवनी नहीं कर पा रहे हैं।
मानसून में हो रही यह देरी किसानों के लिए चिंता का कारण बनने लगी है, क्योंकि बोवनी जितनी लेट होगी उतना ही खरीफ फसलों की उपज पर प्रभाव पड़ेगा।
मानसून में देरी के कारण लेट होने वाली बोवनी के दौरान किन बातों का ध्यान रखा जाए यह जानिए।
सोयाबीन की बोवनी कब होगी?
मध्यप्रदेश में मानसून की एंट्री के साथ ही बारिश तो होने लगी है, लेकिन अभी तेज बारिश का दौर शुरू नहीं हो पाया है जिसके कारण बोवनी का कार्य प्रभावित नहीं हो पा रहा है।
मौसम विशेषज्ञ बताते हैं कि लोकल सिस्टम बनने के कारण आधे से एक घंटे में ही तेज बारिश तो हाे रही है, लेकिन लगातार पानी नहीं गिर रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार अभी करीब 7 दिन तक लगातार बारिश होने की संभावना नहीं है।
अभी CB (क्यूम्यलोनिम्बस) क्लाउड की स्थिति रहेगी।
ऐसे में दिन में गर्मी बढ़ने से शाम तक तेज बारिश का दौर रहेगा। जून के अंत में अच्छी बारिश होने की संभावना है।
प्रदेश के कई क्षेत्रों में 4 इंच बारिश हुई
प्रदेश के कई इलाकों में कुछ घंटों में 4 इंच तक पानी गिर चुका है, लेकिन अभी कृषि विशेषज्ञ बोवनी की सलाह नहीं दे रहे हैं।
मौसम वैज्ञानिक पीके साहा ने बताया कि मानसून सक्रिय हो चुका है। प्रदेश भर में अच्छी बारिश हो रही है।
कहीं-कहीं तो 4 इंच से भी ज्यादा पानी गिर रहा है, लेकिन अरब सागर और बंगाल की खड़ी में लो-प्रेशर नहीं बनने के कारण अभी लोकल सिस्टम बनने और नमी मिलने के कारण यह पानी गिर रहा है।
अभी की स्थिति में कोई सिस्टम नहीं बन रहा है। ऐसे में लगातार बारिश के लिए कम से कम सप्ताह भर का इंतजार करना पड़ सकता है।
जून के अंत यानी 28 के बाद ही लगातार बारिश की उम्मीद है।
सोयाबीन बीज की मांग अब 30 फ़ीसदी तक रह गई
सोयाबीन की बोवनी का समय हो गया, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मंडी में आज सोयाबीन बीज की मांग घटकर 30% रह गई है।
वहीं किसान अब हल्की तेज बारिश होने के पश्चात बोवनी करने का मूड बनाने लगे हैं।
हालांकि यह ठीक नहीं रहेगा। कृषि विशेषज्ञों बताते हैं कि जब तक 4 इंच बारिश नहीं होती है तब तक खरीफ फसलों की बुआई करना उचित नहीं है।
इधर बीज खरीदने का अंतिम दौर चल रहा है उज्जैन मंडी में बीज वाले सोयाबीन का अधिकतम भाव मंगलवार को 10100 रहा।
अब मंडियों में उच्च क्वालिटी के बीज की कमी हो गई है ऐसी स्थिति में किसान सोयाबीन की वैरायटी 9560 बीज खरीद रहे हैं। सोयाबीन की यह किस्म जल्दी पकने वाली है।
इस समय किसान क्या करें? कृषि विशेषज्ञ से जानें
जैसा कि मौसम विशेषज्ञ बता रहे हैं कि मानसून 1 सप्ताह तक मध्य प्रदेश के सभी इलाकों में सक्रिय होगा, तब तक छिटपुट बारिश होगी।
ऐसे समय में किसान यदि तेज बारिश होती है तभी सोयाबीन की बुवाई का कार्य नहीं करें। सोयाबीन की उन्हीं किस्मों की बुवाई करें, जो जल्दी आती है।
कृषि विभाग द्वारा वर्तमान समय हेतु किसानों को सलाह दी जाती है कि मानसून के आगमन के पश्चात न्यूनतम 100 मिमी वर्षा होने पर ही सोयाबीन की बुवाई करें।
फसल विविधीकरण को अपनायें, सोयाबीन फसल के अलावा कुछ क्षेत्र में दूसरी फसलें जैसे मूंग, उड़द, अरहर, मक्का की भी बुवाई करें।
सोयाबीन फसल की कम से कम 2-3 प्रजातियों की बुवाई करें। फसल बुवाई से पूर्व बीजोपचार जरूर करें।
फसल की बुवाई रैज़्डबेड/रिज एण्ड फरो विधि से बुवाई करें। खाद/उर्वरक का संतुलित उपयोग करें।
कुछ क्षेत्र में प्राकृतिक खेती को अपनायें। अधिक जानकारी के लिए नज़दीकी कार्यालय वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी से सम्पर्क करें।
यह भी पढ़े : अधिक पैदावार के लिए बुआई से पहले ज़रूर करें बीज अंकुरण परीक्षण
यह भी पढ़े : सोयाबीन की बोवनी हेतु किसानो के लिए महत्वपूर्ण सलाह
शेयर करे