खेती को उन्नत बनाने के लिए नए-नए आविष्कार किए जा रहे हैं, जिससे किसान अब तकनीकों के मामले में अमेरिका जैसे बढ़े देशों को भी टक्कर दे रहे हैं.
खेती में किसान एरोपोनिक विधि का उपयोग कर रहे हैं, जिससे हवा में ही आलू की खेती कर पा रहे हैं और डबल मुनाफा कमा रहे हैं.
10 गुना मिलेगी पैदावार और होगी मोटी कमाई
भारत की लगभग 75 प्रतिशत से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर है. ऐसे में समय के साथ-साथ खेती के तरीकों में काफी बदलाव देखने को मिल रहे हैं.
खेती को उन्नत बनाने के लिए नए-नए आविष्कार किए जा रहे हैं, जिससे किसान अब तकनीकों के मामले में यूरोप और अमेरिका जैसे बढ़े देशों को भी टक्कर दे रहे हैं.
देश के अधिकतर किसान खेती में एरोपोनिक विधि का उपयोग कर रहे हैं, जिससे हवा में ही आलू की खेती कर पा रहे हैं और डबल मुनाफा कमा रहे हैं.
क्या है एरोपोनिक फार्मिंग?
एरोपोनिक फार्मिंग एक ऐसी खेती की तकनीक है जिसमें मिट्टी या जमीन की जरूरत नहीं होती.
इस विधि में पौधों की जड़ें हवा में लटकती रहती हैं और उन पर पोषक तत्वों का स्प्रे किया जाता है.
पौधों के ऊपरी हिस्से को खुली हवा और रोशनी मिलती रहती है. इस तकनीक का उपयोग करके घर की छत पर भी खेती की जा सकती है.
एरोपोनिक विधि से आलू उगाने में करीब 70 से 80 दिन लगते हैं.
इस तकनीक से कम जगह और कम लागत में अच्छी पैदावार मिल सकती है, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ने में मदद मिलती है.
कैसे करें एरोपोनिक फार्मिंग?
एरोपोनिक फार्मिंग के लिए आप इन निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं –
- आलू की उन्नत किस्म का चयन: सबसे पहले आलू की अच्छी और उन्नत किस्म का चयन करें, ताकि बेहतर फसल प्राप्त हो सके.
- नर्सरी में पौधे तैयार करें: आलू के पौधों को पहले नर्सरी में तैयार करें. नर्सरी में इन पौधों को अंकुरित और मजबूत होने के लिए थोड़े समय के लिए रखा जाता है.
- जड़ों को फंगस-प्रतिरोधी बनाएं: तैयार पौधों की जड़ों को बावस्टीन जैसे फंगस-रोधी घोल में डुबोएं ताकि जड़ें फंगस से सुरक्षित रहें.
- ऊंचा बेड बनाएं: एक ऊंचा बेड तैयार करें जिसमें बाद में पौधों को लगाया जा सके. यह बेड पौधों की जड़ों को हवा में लटकने के लिए तैयार किया जाता है.
- पौधों की रोपाई करें: पौधों को बेड में लगाएं, ताकि जड़ें हवा में रहें और पौधों के ऊपरी हिस्से को अच्छी रोशनी मिले.
- एरोपोनिक यूनिट में स्थानांतरित करें: लगभग 10-15 दिन बाद पौधों को एरोपोनिक यूनिट में स्थानांतरित करें. इस यूनिट में पौधों की जड़ों पर पोषक तत्वों का स्प्रे किया जाएगा.
- देखभाल और पोषण: पौधों की नियमित रूप से देखभाल करें और जड़ों पर पोषक तत्वों का स्प्रे करते रहें. इससे पौधों को पर्याप्त पोषण मिलता रहेगा.
मिलेगी आलू की अच्छी पैदावार
देश में एरोपोनिक फार्मिंग किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है, इस विधि से आलू की खेती करके किसान पारंपरिक विधि के मुकाबले 10 गुना ज्यादा पैदावार प्राप्त कर रहे हैं.
इस विधि के साथ खेती करने पर किसान कम समय में अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं.
इस तकनीक से किसान अपने घर की छत पर आलू की खेती कर सकते हैं.
इस तकनीक से खेती करने के लिए नर्सरी में आलू के पौधे को तैयार किया जाता है और इन पौधो की रोपाई एरोपोनिक यूनिट में की जाती है.
यह भी पढ़ें : रबी फसलों की खेती में अपनाएं ये बीज उपचार की ये 4 विधियां