हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

1.86 करोड़ किसानों को अब नहीं मिलेंगे सालाना 6000 रुपये

सरकार ने इस तरह पकड़ी चोरी

 

PM Kisan Samman Nidhi Yojana से 1.86 करोड़ किसान बाहर हो गए हैं.

जहां 11वीं किस्त 11.45 करोड़ किसानों को भेजी गई थी तो वहीं 12वीं किस्त से पहले ईकेवाईसी के बाद 8.58 करोड़ ही रह गए हैं.

 

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को करोड़ों किसानों को आर्थिक मजबूती प्रदान की है.

इस योजना के जरिए किसानों के बैंक खाते में हर साल 6,000 रुपये ट्रांसफर किए जाते हैं.

ये रकम हर चार महीने के अंतराल पर दो-दो हजार रुपये की तीन किस्तों में किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है.

कई लोगों ने इस स्कीम का गलत तरीके से भी लाभ लिया है, जिनके खिलाफ सरकार ने सख्ती कार्रवाई की है.

यही वजह है कि पिछले 6 महीने में पीएम किसान योजना से करीब 1.86 करोड़ किसान बाहर हो गए हैं.

इन किसानों को अपात्र घोषित कर दिया गया है.

 

11 वीं किस्त के बाद से ही कई ऐसे मामले सामने आ रहे थे, जिसमें कुछ किसान अपात्र होने के बावजूद दो-दो हजार रुपये की किस्तों को लुफ्त उठा रहे थे.

इन किसानों की पहचान करना भी आसान नहीं था, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा ई-केवाईसी वेरिफिकेशन और लैंड सीडिंग और कई तकनीकी फिल्टर्स के जरिए इन गैर-लाभार्थियों को पकड़कर बाहर कर दिया गया है.

आज के अपने आर्किटल में हम आपको बताएंगे कि सरकार कैसे पीएम किसान योजना में गैर-लाभार्थी या अपात्र किसानों की पहचान करती है.

 

इस तरह चोरी पकड़ती है सरकार

दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की ऑफिशियल वेबसाइट pmkisan.gov.in पर किसानों की लिस्ट और उनका डेटा समय-समय पर अपडेट किया जाता है.

ये डाटा राज्य सरकार ही केंद्र सरकार तक पहुंचाती है.

इसके बाद किसानों की ये जानकारी कुछ सरकारी संस्थाओं को भी सत्यापन के लिए भेजी जाती है, जिसमें आयकर विभाग (IT Department) भी शामिल है, जो अपने अंडर आने वाले किसानों की जानकारी लेता है.

इसके बाद बैंक खाता और आधार कार्ड का लिंक करने के लिए किसानों का डाटा डेटा नेशनल पेमेंट कार्पो. (NPCI) को भी भेजा जाता है.

इन संस्थानों के अलावा पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (PFMS) और आधार नंबर की पुष्टि के लिए यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) भी शामिल हैं.

 

लाभार्थियों को सुरक्षा

पीएम किसान योजना में अभी भी कई किसान ऐसे हैं, जिन्होंने सरकार के डर से या जागरुकता की कमी के कारण ई-केवाईसी वेरिफिकेशन (बैंक खाता और आधार कार्ड लिंक) नहीं करवाया है, इसलिए किसानों को 12वीं किस्त नहीं मिल पाई है.

इस बीच पीएम किसान स्कीम से लगातार कम होती किसानों की संख्या पर केंद्र सरकार ने संज्ञान लिया है.

कहीं ई-केवाईसी का उलट असर असली हकदार पर ना हो, इसलिए राज्य सरकारों को फरमान जारी किया है और गांव-गांव टीम भेजकर असली लाभार्थियों की पहचान करने के निर्देश भी दिए हैं.

बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा ई-केवाईसी लागू करने के बाद अब से आधार पेमेंट ब्रिज के जरिए ही किसानों को भुगतान किया जा रहा है.

 

1.86 करोड़ कम हुए किसान

पीएम किसान सम्मान निधि योजना के ताजा आंकड़े बताते हैं कि देशभर के 10.45 करोड़ किसानों के बैंक खाते में 11वीं किस्त के 2,000 रुपये जारी हुए थे, लेकिन 12वीं किस्त तक किसानों की संख्या सिर्फ 8.58 करोड़ ही रह गई.

ये आंकड़ा बेहद चौंकाने वाला है, क्योंकि देश के 5 राज्यों से प्रति 10 से 15 लाख किसान बाहर हुए हैं. इस राज्य में पंजाब(14,88760), केरल(14,59,806), राजस्थान(14,29,402), उड़ीसा(11,51,262) और महाराष्ट्र(10,87,791) शामिल हैं.

इसके अलावा तमिलनाडु से 9.85 लाख किसान, झारखंड से 9.38 लाख किसान, गुजरात से 6.78 लाख किसान, छत्तीसगढ़ से 6.65 लाख किसान और ज्ममू-कश्मीर से भी 6.59 लाख किसानों को अब सम्मान निधि का पैसा नहीं मिलेगा.

 

इन राज्यों में बढ़े लाभार्थी

ई-केवाईसी वेरिफिकेशन के जरिए बैंक-आधार लिंक करने के बाद जहां लाभार्थी किसानों की तादात कम होती जा रही है, लेकिन देश के 5 राज्यों पर इसका बिल्कुल विपरीत असर पड़ा है.

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में प्रस्तुत आंकड़ों से सामने आया है कि कर्नाटक में 85.947 लाख किसान, नागालैंड में 13.142 लाख किसान, मणिपुर में 2.170 लाख किसान, मिजोरम में 913 और लक्षदीप में 842 किसानों की संख्या बढ़ी है.

अब से इन नए किसानों को भी पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ मिलना चालू हो गया है.

यह भी पढ़े : इफको यूरिया कितने प्रकार का होता है, जाने इसके लाभ

 

यह भी पढ़े : यूरिया की एक बोरी की जगह 1 बोतल नैनो यूरिया से होगा काम

 

शेयर करें