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एग्रीकल्चर इन्फ्रांस्ट्रक्चर फंड: मध्य प्रदेश के लिए 1558 करोड़ रुपये मंजूर किए

 

किसानों को होगा फायदा

 

अच्छा एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार होने से फल, सब्जियों और अन्य कृषि उत्पादों के रखने के लिए सुविधा होगी.

फसलों की बर्बादी रुकेगी और उचित समय पर उचित कीमत के साथ किसान अपनी फसल बेच सकेंगे.

 

कृषि क्षेत्र के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करने के लिए शुरू की गई एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के उपयोग में मध्य प्रदेश अग्रणी सूबा बनकर उभर रहा है.

इस योजना से किसान, कृषि से जुड़े उद्यमी, किसान उत्पादक संगठन, स्टार्टअप, स्वयं सहायता समूह, प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां और कृषि से जुड़े अन्य लोग फायदा ले रहे हैं.

इसके तहत अब तक प्रदेश में 3357 आवेदन आए हैं, जिसमें से बैंकों ने 2,129 पर 1558 करोड़ रुपये की रकम मंजूर की है.

इसमें से 1107 करोड़ का लोन वितरित कर दिया गया है. इस योजना से किसानों को काफी फायदा होने वाला है.

क्योंकि कृषि उपज के लिए भंडारण क्षमता बढ़ाई जानी है.

 

इसके तहत विभिन्न राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों में गोदामों, कोल्ड स्टोरों का निर्माण एवं नवीनीकरण का काम शामिल होगा.

अच्छा एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार होने से किसानों की फल, सब्जियों और अन्य कृषि उत्पादों के रखने के लिए अच्छी सुविधा होगी.

फसलों की बर्बादी रुकेगी और भंडारण की वजह से उचित समय पर उचित कीमत के साथ किसान अपनी फसल बेच सकेंगे.

 

कब तक खर्च होगी रकम

एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड एक लाख करोड़ रुपये की योजना है. योजना 10 वर्ष यानी वित्त वर्ष 2029 तक चलने वाली है.

योजना के तहत 3 फीसदी प्रति वर्ष ब्याज सहायता और दो करोड़ रुपए तक की क्रेडिट गारंटी के साथ लोन के रूप में एक लाख करोड़ रुपए प्रदान किए जाने हैं.

स्कीम के तहत लिए गए लोन पर 2 करोड़ रुपए की सीमा पर यह ब्याज छूट 7 वर्ष के लिए उपलब्ध होगी.

 

बीजों की पर्याप्त उपलब्धता

उधर, मध्य प्रदेश सरकार ने बताया है कि 89 आदिवासी विकास खंडों में 50 प्रतिशत उत्पादकता वृद्धि के लिए उन्नत बीज वितरण, उन्नत कृषि आदानों और बेहतर कृषि पद्धतियों की योजना तैयार की गई है.

प्रदेश में उन्नत बीजों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए बीज रोलिंग प्लान को अद्यतन किया गया है. तीन हजार नये बीज ग्राम विकसित किये जा रहे हैं.

किसानों की भागीदारी से संकर बीजों का उत्पादन कर प्रदेश को हाईब्रिड बीज उत्पादन हब बनाया जा रहा है.

 

मोटे अनाजों के लिए योजना

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में प्रदेश के सभी गांवों में कृषि विकास का प्लान तैयार किया जा रहा है.

योजना में अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों के किसानों के लिए मोटे अनाजों (मिलेट्स) के वैल्यू एडिशन की एक विशेष योजना तैयार की गई है.

इसके लिए 13.74 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

इसी योजना में खेतों में सिंचाई के लिए इस वित्त वर्ष में कुल 44.25 करोड़ रुपये के परकोलेशन टैंक, माईनर इरीगेशन टैंक और फार्मगेट शेड के नए प्रोजेक्ट मंजूर किए गए हैं.

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