किसानों को मिलेगी लंबी कतारों से मुक्ति, जानिए कैसे बनाएं ऑनलाइन प्रवेश पर्ची, मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए ई मंडी योजना शुरू की है, जिससे अब किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए मंडी में लंबी कतारों में खड़ा नहीं होना पड़ेगा। यह योजना अप्रैल 2025 से प्रदेश की अधिकांश मंडियों में लागू कर दी गई है। इस योजना के तहत किसान ऑनलाइन प्रवेश पर्ची बनाकर घर बैठे ही अपनी फसल की नीलामी प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे।
ई मंडी योजना का मुख्य उद्देश्य मंडी व्यवस्था में पारदर्शिता लाना, किसानों को उचित दाम दिलाना और फसल बिक्री प्रक्रिया को डिजिटल बनाना है। इसके लिए राज्य की कृषि विपणन मंडी बोर्ड द्वारा विशेष मोबाइल एप “e-Mandi App” लॉन्च किया गया है, जिसे किसान Google Play Store से आसानी से download कर सकते हैं।
किन फसलों की बिक्री होगी ई मंडी योजना में
- गेहूं
- सोयाबीन
- चना
- मूंग
- उड़द
- धनिया
- रायड़ा
- अन्य उपज
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शामगढ़ मंडी सचिव पर्वत सिंह यादव के अनुसार, मंडी बोर्ड ने इन सभी फसलों के लिए ई मंडी प्रणाली को लागू करने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। अब इन उपजों की खरीदी एवं नीलामी पूरी तरह डिजिटल प्रक्रिया से होगी।
कैसे काम करती है E-मंडी योजना
- मंडी में प्रवेश से लेकर नीलामी तक की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।
- किसान को प्रवेश पर्ची (Admission Slip) बनवानी अनिवार्य होगी।
- यह पर्ची मोबाइल नंबर के माध्यम से e-Mandi ऐप पर बनाई जा सकेगी।
- पर्ची बनने के बाद ही किसान की उपज की बोली शुरू होगी।
- उच्चतम बोली पर किसान अपनी उपज बेच सकेंगे।
- ई मंडी ऐप से ही ऑनलाइन अनुबंध, ई तौल पर्ची, और ई भुगतान पर्ची भी जारी की जाएगी।
कैसे बनाएं ई मंडी की ऑनलाइन प्रवेश पर्ची
- Google Play Store पर जाकर ‘e-Mandi’ एप डाउनलोड करें।
- ऐप install के बाद ‘कृषक पंजीयन’ (Farmer Registration) पर क्लिक करें।
- अपना नाम, मोबाइल नंबर, आधार नंबर, गांव, मंडी नाम और फसल का विवरण भरें।
- पंजीयन पूर्ण होने के बाद ऐप में ‘किसान लॉगिन’ से लॉगिन करें।
- मंडी का चयन करें (जैसे: बदनावर मंडी) और अपनी फसल की जानकारी दर्ज करें।
- अब ‘प्रवेश पर्ची’ जनरेट करें और उसका स्क्रीनशॉट सेव करें।
- मंडी में फसल बेचते समय POS मशीन ऑपरेटर को यह स्क्रीनशॉट दिखाएं।
मंडी प्रांगण में भी मिलेगी सुविधा
जो किसान मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर पाते, उनके लिए मंडी परिसर में भी ई मंडी प्रवेश पर्ची बनवाने की सुविधा उपलब्ध है। मंडी कर्मचारियों को पीओएस मशीन एवं ई मंडी सॉफ्टवेयर की पूरी ट्रेनिंग दी जा चुकी है।
फायदे ई मंडी योजना के
- लंबी कतारों से मुक्ति: अब मंडी में घंटों लाइन में लगने की जरूरत नहीं।
- घर बैठे सुविधा: किसान मोबाइल से ही प्रवेश पर्ची बना सकते हैं।
- उचित भाव की गारंटी: बोली प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और डिजिटल होगी।
- ई भुगतान सुविधा: सीधे बैंक खाते में भुगतान प्राप्त होगा।
- समय और श्रम की बचत: मंडी में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया तेज और सरल होगी।
ई मंडी योजना मध्यप्रदेश सरकार की एक पहल है अब किसान डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपनी उपज की बिक्री कर सकेंगे और बेहतर मूल्य प्राप्त कर सकेंगे।यह योजना न केवल किसानों को सुविधा देगी, बल्कि भारतीय कृषि व्यवस्था को डिजिटल इंडिया की ओर भी एक मजबूत कदम है।
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