अब सरकार दे रही है पशुपालक को शेड निर्माण पर 1.60 लाख रुपए तक अनुदान

MNREGA Pashu Shed योजना के तहत किसानों को पशुओं के लिए शेड निर्माण पर 1.60 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता मिलती है.

यह योजना पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाने और उनके पशुओं को बेहतर देखभाल व संरक्षित माहौल देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

भारत में कृषि के साथ-साथ पशुपालन भी ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाता है. लाखों किसान अपनी आजीविका के लिए खेती के साथ पशुपालन पर भी निर्भर रहते हैं.

लेकिन अक्सर यह देखा जाता है कि आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को पशुओं के लिए शेड बनाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जिससे पशुओं की देखभाल और स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है.

इसी समस्या को समझते हुए केंद्र सरकार ने मनरेगा (MNREGA) योजना के तहत “पशु शेड योजना” की शुरुआत की है.

इस योजना का उद्देश्य जरूरतमंद पशुपालकों को पशुओं के लिए सुरक्षित और टिकाऊ शेड बनाने में आर्थिक सहायता देना है, ताकि वे बेहतर तरीके से पशुपालन कर सकें और अपनी आमदनी बढ़ा सकें.

यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराती है.

सरकार की यह योजना खासतौर पर उन किसानों के लिए है, जो अपनी जमीन पर पालतू पशुओं के लिए सुरक्षित और बेहतर शेड बनाना चाहते हैं.

योजना के तहत किसानों को शेड निर्माण में आने वाले खर्च का एक बड़ा हिस्सा सरकार द्वारा वहन किया जाएगा, जिससे उन्हें आर्थिक बोझ से राहत मिल सकेगी.

 

पशु शेड निर्माण पर सरकार से मिलेगा अनुदान

MNREGA Pashu Shed योजना के अंतर्गत किसानों को 80,000 रुपये से लेकर 1 लाख 60 हजार रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है.

यह सहायता राशि पशु शेड बनाने, हवादार छत, मजबूत फर्श, यूरिनल टैंक जैसे जरूरी निर्माण कार्यों के लिए उपयोग में लाई जा सकती है.

इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और उनके पशुपालन कार्य को सुव्यवस्थित करना है.

बेहतर शेड और सुविधाएं मिलने से पशुओं को गर्मी, बारिश और ठंड से सुरक्षा मिलेगी, जिससे उनकी उत्पादकता में सुधार होगा और किसानों की आय भी बढ़ेगी.

 

कितने पशु पर कितनी सहायता मिलेगी?

योजना का लाभ उठाने के लिए किसान के पास कम से कम पालतू पशु होने चाहिए.

अगर किसान के पास से 6 पशु हैं तो उन्हें अधिकतम ₹1,60,000 तक की सहायता दी जाएगी.

वहीं अगर किसी किसान के पास पशु हैं, तो उन्हें ₹1,16,000 की आर्थिक मदद मिलेगी.

सरकार द्वारा तय की गई यह राशि शेड निर्माण, फर्श बिछाने और यूरिनल टैंक जैसे अन्य सहायक ढांचों के लिए इस्तेमाल की जा सकती है.

इससे न केवल पशुओं की देखभाल में सुधार होगा, बल्कि उनका स्वास्थ्य और उत्पादकता भी बेहतर होगी.

 

आवेदन की प्रक्रिया क्या है?

इस योजना का लाभ उठाने के लिए इच्छुक किसानों को कुछ आसान कदम उठाने होंगे:

  • सबसे पहले अपने नजदीकी बैंक या पंचायत कार्यालय से आवेदन फॉर्म प्राप्त करें.
  • फॉर्म में सभी आवश्यक जानकारी सही-सही भरें.
  • जरूरी दस्तावेजों जैसे भूमि प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, पशुओं की संख्या का प्रमाण आदि संलग्न करें.
  • भरे हुए फॉर्म को संबंधित कार्यालय में जमा कर दें.

इसके बाद आवेदन की जांच की जाएगी और पात्र पाए जाने पर आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी.

 

किसानों में बढ़ रही उम्मीद

MNREGA Pashu Shed योजना से देशभर के लाखों पशुपालकों को लाभ मिलने की उम्मीद है.

यह पहल विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है, जो संसाधनों की कमी के कारण पशुपालन का कार्य सही ढंग से नहीं कर पाते थे.

अब सरकार की इस सहायता से किसान अपने पशुओं के लिए सुरक्षित और टिकाऊ शेड बना सकेंगे, जिससे पशुओं की देखभाल आसान होगी और आमदनी में भी इजाफा होगा. यह योजना किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक सराहनीय कदम है.

8 कृषि यंत्रों पर किसानों को मिलेगी 50% तक सब्सिडी