इस मशीन से एक साथ होंगे बहुत सारे काम, कृषि मंत्री ने किसानों से की यह अपील

प्लास्टिक मल्च लेयर-कम-प्लांटर मशीन

केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल CIAE द्वारा ट्रैक्टर चालित प्लास्टिक मल्च लेयर-कम-प्लांटर मशीन विकसित की गई है।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से अपील की कि किसान भाई इस तकनीक का उपयोग करें, इससे उनके समय और श्रम की बचत होगी, साथ ही उत्पादन की लागत भी घटेगी।

खेती की लागत कम करने के साथ ही फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा नई उन्नत तकनीकों के कृषि यंत्रों का विकास किया जा रहा है।

इस कड़ी में आईसीएआर-केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान (सीआईएई), भोपाल द्वारा कई नए कृषि यंत्रों का विकास किया गया है।

22 जून रविवार के दिन केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संस्थान का दौरा कर विभिन्न कृषि यंत्रों का अवलोकन किया।

इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री ने वैज्ञानिकों छात्रों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि किसान हितैषी प्रौद्योगिकियों के तीव्र विकास तथा विकसित प्रौद्योगिकियों को किसानों, विशेषकर छोटे किसानों तक पहुंचाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि भोपाल स्थित ICARCIAE ने किसानों के हित में अद्भुत नवाचार किया है। 

CIAE द्वारा विकसित “ट्रैक्टर चालित प्लास्टिक मल्च लेयर-कम-प्लांटर मशीन” से ऊँचे क्यारियों का निर्माण, ड्रिप लेटरल और प्लास्टिक मल्च बिछाना तथा मल्च के नीचे बीज बोने का कार्य सरलता से होगा।

उन्होंने किसानों से अपील की कि किसान भाई इस तकनीक का उपयोग करें, इससे उनके समय और श्रम की बचत होगी, साथ ही उत्पादन की लागत भी घटेगी। इसके अलावा कृषि मंत्री ने नीचे दिए गए वीडियो को भी देखने की अपील की।

ट्रैक्टर चालित प्लास्टिक मल्च लेयर-कम-प्लांटर कृषि यंत्र

फसलों की बुआई के लिए खेत तैयार करने में ऊँची क्यारियों का निर्माण, ड्रिप लेटरल और प्लास्टिक मल्च बिछाना तथा मल्च के नीचे बीज बोन का कार्य मैन्युअल रूप से करना कठिन होता है साथ ही इसमें अधिक मेहनत के साथ अधिक समय भी लगता है।

इन कामों के लिए लगभग किसानों को 29 मानव-दिन प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता होती है।

वहीं इन सभी कार्यों को एक साथ करने के लिए ट्रैक्टरचालितप्लास्टिकमल्चलेयर-कम-प्लांटर विकसित किया गया है।

इस यंत्र में ट्रैक्टर की हाइड्रोलिक प्रणाली का उपयोग करके हाइड्रोलिक मोटर (385 न्यूटन मीटर) तथा चेन-स्प्रोकेट ट्रांसमिशन सिस्टम के माध्यम से एक्सेंट्रिक स्लाइडरक्रैंकमैकेनिज्म से संचालित किया जाता है, वहीं बीज मापने की इकाई में वैक्यूम ट्रैक्टर के पीटीओ से चलने वाले एस्पिरेटरब्लोअर द्वारा तैयार किया जाता है।

एक्सेंट्रिक स्लाइडर क्रैंक मैकेनिज्म ड्राइविंग डिस्क की घूमने वाली गति को कनेक्टिंग रॉड के माध्यम से स्लाइडर क्रैंक में ऊर्ध्वाधर गति में बदल देता है और पंच प्लांटिंग मैकेनिज्म के “D” प्रोफाइल को मिट्टी में खोलता है।

न्यूमैटिक बीज मापने वाली प्लेट और एक्सेंट्रिक स्लाइडर क्रैंक मैकेनिज्म को इस प्रकार समकालिक किया गया है कि मापने वाली प्लेट द्वारा उठाया गया बीज बंद प्लांटिंग जॉ जो बीज को पकड़े रखता है और स्लाइडर क्रैंक के माध्यम से प्लास्टिक मल्च में प्रवेश करने के बाद उसे छोड़ता है।

 

ट्रैक्टर चालित प्लास्टिक मल्च लेयर-कम-प्लांटर की मुख्य बातें

  • इस यंत्र की प्रभावी कार्य क्षमता 0.2 हेक्टेयर प्रति घंटा और कार्य कुशलता 74 प्रतिशत है, जो 1.7 किलोमीटर प्रति घंटा की गति और 1 मीटर कार्य चौड़ाई पर आधारित है।
  • यंत्र की कुल लागत 3 लाख रुपए है और संचालन लागत 1500 रुपए प्रति घंटा हैं। इसका पेबैक पीरियड 1.9 वर्ष (444 घंटे) और ब्रेक-ईवन पॉइंट 70 घंटे प्रति वर्ष है।
  • इस यंत्र की मदद से कतार से कतार की दूरी 0.5 से 0.9 मीटर और पौधे से पौधे की दूरी 0.2 से 0.6 मीटर रखकर बुआई की जा सकती है।
  • इस यंत्र की मदद से ड्रिप लेटरल-कम-प्लास्टिक मल्च लेयर मशीन की तुलना में 26 मानव-दिन प्रति हेक्टेयर 89 प्रतिशत और 6600 रुपए प्रति हेक्टेयर 43 प्रतिशत की लागत की बचत करता है।
  • यह यंत्र प्लास्टिक मल्च में उच्च मूल्य वाली फसलें जैसे खरबूजा, ककड़ी, स्वीट कॉर्न, बेबी कॉर्न, हरि मटर, भिंडी, फलियाँ आदि लगाने के लिए उपयुक्त है।

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