बेहरी (देवास)।
प्याज की फसल किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बना रही है।
यही कारण है कि पिछले कुछ वर्षों में बड़ी संख्या में किसान प्याज के उत्पादन में रुचि ले रहे हैं। इस बार मंडियों में प्याज के अच्छे भाव मिल रहे हैं।
इधर बाजार में प्याज के बीज आठ हजार रुपये किलो तक हो जाने से कई किसान प्याज की फसल नहीं लगा पाए। इससे सबक लेते हुए अब क्षेत्र के किसान स्वयं ही प्याज के बीज तैयार करने में जुट गए हैं।
उल्लेखनीय है कि इस बार आरंभ में 800 रुपये प्रतिकिलो से शुरू हुआ प्याज का बीज (कण) आठ हजार रुपये प्रतिकिलो तक बिकने लगा। भाव में 10 गुना वृद्धि के पीछे किसानों ने कालाबाजारी का आरोप लगाया।
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इसके चलते क्षेत्र के किसान बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर हो रहे हैं। वे अपने-अपने खेतों में प्याज का बीज उत्पादन करने में जुट गए। इसके लिए बड़ी मात्रा में बाजार से उच्च क्वालिटी के प्याज खरीदकर लाए हैं।
कुछ किसानों ने तो स्वयं ही उच्च क्वालिटी के प्याज का बीज तैयार कर उन्हें लगाया। अब बीज तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। किसानों का कहना है कि घर पर बीज तैयार करने से अधिक भाव में बाजार से बीज खरीदने की आवश्यकता नहीं रही।
फिलहाल दो दर्जन से अधिक किसानों ने आपस में अदान-प्रदान कर प्याज का बीज बैंक तैयार किया है। बेहरी में ही करीब 15 क्विंटल से अधिक प्याज बीज तैयार हो रहा है। इसे बेचने के बजाय गांव में ही आपस में आदान-प्रदान कर इसे अगले वर्ष लगाया जाएगा।
किसान गब्बूलाल पाटीदार ने बताया कि हम उच्च क्वालिटी के 45 कट्टे बाजार से खरीदकर लाए हैं। इनसे अनुमानित दो क्विंटल बीज उत्पादन की उम्मीद है।
किसान सुनील मंडलाई, शिव पाटीदार, हरीश उपाध्याय, शिवनारायण विश्वकर्मा, बद्रीलाल पाटीदार, मनोहर सोलंकी ने बताया कि क्षेत्र में सभी किसान अपने खेतों में प्याज के बीज तैयार कर रहे हैं। आगामी दिनों में इससे काफी फायदा होगा।
उद्यानिकी विभाग के राकेश सोलंकी ने बताया कि बीज उत्पादन के बाद उसे सुरक्षित रखने के उपाय किसानों को करना होंगे, वरना नमी के कारण बीज खराब हो जाते हैं।
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source : naidunia
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