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जबलपुर की हरी मटर का परचम देश विदेश में लहराया

 

एनएससी की मटर पर कार्यशाला

 

मध्यप्रदेश शासन ने किसानों के उत्पादन को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने हेतु ‘एक जिला एक उत्पादÓ योजना प्रारंभ की है। इसके तहत जबलपुर जिले के लिए मटर फसल का चयन किया गया है। इसी योजना के तहत राष्ट्रीय बीज निगम एवं कृषि विभाग द्वारा एक कार्यशाला आयोजित की गई।

 

राष्ट्रीय बीज निगम भोपाल के क्षेत्रीय प्रबंधक श्री गुलबीर सिंह पवार ने निगम के उन्नत व उत्कृष्ट बीजों की उपलब्धता के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जबलपुर में मटर की बोनी सितंबर माह से प्रारंभ होकर जनवरी माह तक होती है।

प्रारंभ में जो बोनी होती है, जिसकी 1 तुडा़ई से ही फसल ली जाती है, इसके लिए काशी नंदिनी किस्म के बीजों की मांग रहती है, जोकि कम अवधि में अच्छी फल्ली देती है। अक्टूबर माह में जो बोनी होती है, उसमें मटर की पीएसएम, सी 10 व जीएस 10 नामक किस्मों की बोनी की जाती है।

इन किस्मों की मटर की फली आकार में बड़ी 9 से 10 दिनों की होती है एवं यह बहुत दिनों तक हरापन लिए रहती है जो कि बाहर के बाजार में बेचने के लिए उपयुक्त होती है।

 

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किसानों द्वारा स्वयं बीज उत्पादन

जबलपुर जिले के किसान भारत के भिन्न-भिन्न कृषि विश्वविद्यालय व कृषि अनुसंधान केंद्रों से मटर के ब्रीडर सीड लाकर अपना स्वयं बीज उत्पादन का काम भी करते हैं।

बीज उत्पादन के लिए उपसंचालक कृषि श्री एस. के. निगम क्षेत्रीय विस्तार अधिकारियों के साथ किसानों के सतत संपर्क में रहते हैं।

 

मटर प्रसंस्करण के लिए एफपीओ का गठन

वर्तमान में भारत सरकार की एफपीओ योजना के तहत जबलपुर जिले में लगभग 20 एफपीओ गठित किए जा रहे हैं जिनमें से 3 – 4 एफपीओ केवल मटर फसल के लिए काम करेंगे।

मटर कार्यशाला में उत्कृष्ट मटर उत्पादक किसानों का शाल, श्रीफल एवं प्रमाण पत्र देकर अनुविभागीय कृषि अधिकारी डॉक्टर इंदिरा त्रिपाठी के द्वारा सम्मान किया गया एवं मटर प्रक्षेत्र का फील्ड भ्रमण भी आयोजित किया गया।

 

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source : krishakjagat

 

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