देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी का दौर शुरू हो चुका है, गर्मी का असर इंसान के साथ-साथ मवेशियों (करें यह काम) के ऊपर भी दिखने लगा है। इस मौसम में पशुओं को लू लगने का खतरा बना रहता है साथ ही अधिक तापमान का असर दूध देने वाली मवेशियों पर होता है और उनके दूध देने की क्षमता कम हो जाती है।
जिसका नुक़सान किसानों को उठाना पड़ता है। ऐसे में पशुपालकों को इस समय पशुओं की उचित देखभाल करनी चाहिए।
नहीं आएगी दूध उत्पादन में कमी
बढ़ते तापमान को देखते हुए पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा पशुओं को लू से बचाने के लिए एडवाइजरी भी जारी की जाने लगी है।
इस कड़ी में खंडवा के पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उपसंचालक डॉ. हेमन्त शाह के द्वारा गर्मियों में पशु की देखभाल को लेकर सलाह जारी की गई है, जिसमें उन्होंने गर्मियों में पशुओं के आवास प्रबंधन से लेकर पशु आहार के बारे में जानकारी दी है।
गर्मियों में पशुओं को लू से बचाने के लिए क्या करें
इस मौसम में पशुओं को लू से बचाने के लिए उनके आवास गृह या शेड की व्यवस्था (करें यह काम) करनी चाहिए।
दोपहर में पशुओं को छायादार वृक्षों के नीचे आराम कराना भी फायदेमंद रहता है।
यदि तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुँच जाये तो पशुओं के आवास गृह की खिड़की, दरवाजों पर गीले परदे लगा देना चाहिए ताकि अंदर का तापमान कम रहे।
दुधारू पशुओं के लिये कूलर की व्यवस्था भी की जा सकती हैं।
पशुओं को गर्मी में क्या खिलायें
- गर्मी के मौसम में पशुओं को दिन में 4-5 बार स्वच्छ एवं ठण्डे जल की पीने हेतु व्यवस्था करनी चाहिए। पानी की समुचित व्यवस्था होने पर सूर्यास्त के बाद पशुओं को स्नान भी करवा सकते हैं।
- पशुओं के आहार में पौष्टिक आहार सम्मिलित करना चाहिए।
- पशुओं को दिन में 2 बार गुड़ एवं नमक के पानी का घोल अवश्य पिलाना चाहिए।
- पशुओं को गर्मी के मौसम में मिनरल मिक्चर तथा मल्टी विटामिन अवश्य दें।
- पशुओं के अस्वस्थ होने पर तुरन्त पशु चिकित्सक से संपर्क कर उसका ईलाज करवायें।