सेरोगेसी से जन्मी देशी गायों से दूध उत्पादन
देशी गायों के सरंक्षण एवं उनमें दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए कई कार्य किए जा रहे हैं|
ऐसा ही एक फार्म मध्यप्रदेश के पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम द्वारा वर्ष 2014-15 में भोपाल में शुरू किया गया था|
भोपाल के केरवा स्थित मदर बुल फार्म पर भ्रूण प्रत्यारोपण के बहुत अच्छे परिणाम अब देखने को मिल रहे हैं।
सर्वोत्तम गिर नस्ल की गाय और सांड से आरंभ किये गये इस प्रोजेक्ट से आज फार्म पर सेरोगेसी से जन्मी 298 गाय मौजूद हैं, जिन्सें उच्च गुणवत्ता का दूध प्राप्त किया जा रहा है|
तेजी से बढ़ रही है गायों की संख्या
प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम डॉ. एच.बी.एस. भदौरिया ने बताया कि वर्तमान में बुल मदर फार्म पर 386 देशी गाय हैं।
देश की सर्वाधिक दूध देने वाली गिर, थारपरकर और साहीवाल नस्ल की इन गायों से उच्च गुणवत्ता का दुग्ध उत्पादन बढ़ने के साथ ही गायों की संख्या तेजी से बढ़ रही है|
मात्र 6 साल पहले गिर नस्ल के जोड़े से 15 गायों के साथ शुरू किये गये प्रयोग में वर्ष 2015-16 में 7 बछड़े और 8 बछियों के जन्म के साथ सफलता का क्रम आज भी जारी है।
यह गाय देती है 15-20 लीटर दूध प्रतिदिन
2 लीटर तक दूध देने वाली गाय में प्रत्यारोपित भ्रूण से जन्मी बछिया आज 15 से 20 लीटर दूध प्रतिदिन दे रही है।
गिर और साहीवाल नस्ल की गाय 15 से 20 लीटर और थारपरकर नस्ल की गाय 10 से 20 लीटर प्रतिदिन दूध दे रही हैं।
एक गाय अपने जीवनकाल में केवल 7 से 8 बार गर्भ धारण करती है।
इसके विपरीत सेरोगेसी तकनीक से सर्वोत्तम नस्ल की गाय से एक साल में ही 4-5 भ्रूण तैयार किये जा रहे हैं।
इससे गुणवत्तापूर्ण अधिक दूध देने वाली देशी गायों की संख्या निरंतर बढ़ रही है और अनुपयोगी गायों की कोख का भी सदुपयोग हो रहा है।
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