इस तरह करें उपचार
शुष्क तथा बढ़ते तापमान की वजह से फसलों में कई प्रकार के रोगों का खतरा बढ़ जाता है.
जिस वजह से किसानों को उनकी फसल से अच्छा मुनाफा नहीं मिल पाता है.
इन दिनों मौसम में बदलाव देखा जा रहा है, जिसके चलते भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा के वैज्ञानिकों को फसलों पर रोगों और कीटों का प्रकोप का डर सता रहा है.
वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि 20 फरवरी तक मौसम के बदलाव का असर फसलों पर पड़ सकता है.
तो समय रहते फसलों का रोग और कीटों से बचाव करें. आइए संबंध में अधिक जानकारी देते हैं.
प्याज में थ्रिप्ट्स नामक कीट होने पर उपचार
वैज्ञानिकों ने कहा कि इन दिनों प्याज की फसल पर थ्रिप्स नामक कीट के आक्रमण का खतरा होने की सम्भावना है.
ऐसे में किसान भाई फसल की निरंतर निगरानी करते रहें.
फसल पर कीट के पाए जाने पर कानफीडोर 0.5 मिली की मात्रा को 3 ली.पानी में घोल बनाकर किसी चिपकने वाले पदार्थ जैसे टीपोल आदि में मिलाकर छिड़काव करें.
वहीं जब फसल पर नीला धब्बा रोग लगे, तो 3 ग्रा. डाएथेन- एम-45 प्रति ली पानी में घोल बनाकर किसी चिपकने वाले पदार्थ जैसे टीपोल आदि को एक ग्राम प्रति एक लीटर घोल में मिलाकर छिड़काव करें.
अन्य सब्जियों पर कीट होने पर उपचार
वहीँ वैज्ञानिकों का कहना है कि ये बदलते मौसम का प्रभाव इन दिनों अन्य सब्जियों की फसलों पर भी बुरा पड़ सकता है.
ऐसे में किसान भाई फसलों पर कीट का प्रकोप होने पर 0.25-0.5 मि.ली इमिडाक्लोप्रिड को एक लीटर पानी में घोल बनाकर सब्जियों की तुड़ाई के बाद स्प्रे करें.
सब्जियों की फसलों पर छिड़काव के बाद एक सप्ताह तक तुड़ाई न करें. साथ ही बीज वाली सब्जियों पर चेपा के आक्रमण पर विशेष ध्यान दें.
यह भी पढ़े : e uparjan mp किसान ऑनलाइन पंजीयन समर्थन मूल्य खरीदी | 2022-23
यह भी पढ़े : भिंडी की उन्नत खेती के लिए अपनाएं ये विधि
शेयर करे