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जैविक खेती कर मुनाफा कमा रहे क्षेत्र के उन्नत किसान

सारंगपुर

जैविक खेती

 

सारंगपुर तहसील के ग्राम बिलोदा सड़क के उन्नातशील किसान सतीश सिंह बेस विगत 4 वर्षों से जैविक खेती कर रहे हैं।

3 वर्ष पहले उन्होंने अपनी 5 हेक्टेयर जमीन को जैविक प्रमाणीकरण संस्था भोपाल एमपी एसओसीए मे जैविक पंजीकरण करा रखा है, पंजीयन नंबर 1907001754 है।

आज जहां रासायनिक खेती से परेशान हैं क्योंकि अधिक लागत कम मुनाफा है। वही क्षेत्र के उन्नातशील किसान जैविक प्राकृतिक खेती कर अच्छा लाभ कमा रहे हैं।

श्री बैस ने कहा कि वह 4 वर्ष पहले से जैविक खेती करने का निर्णय लिया, क्योंकि रासायनिक खेती में अधिक लागत और कम मुनाफा मिलता है।

उसी के साथ हमारी भूमि मिट्टी भी रासायनिक खाद से उस की उर्वरा शक्ति कम होती जा रही है।

साथ साथ रासायनिक जहर वाली खेती से हमारे स्वास्थ्य व पर्यावरण पर भी इसका हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है।

 

जैविक खेती का करें उपयोग

किसान बेस ने कहा कि मेरा किसानों से भी यही कहना है कि हम ज्यादा नहीं लेकिन कम जगह में धीरे धीरे जैविक ऑर्गेनिक प्राकृतिक खेती की शुरुआत करें जिससे कि हम अपने और अपने परिवार को और अपने पशुधन को इस विनाशकारी जहर से बचाएं और खेती को भी लाभ का धंधा बनाएं।

जैविक खेती को बढावा देने के लिए मेरे द्वारा अभी तक 85 किसानों को प्रेरित कर वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने के लिए मुफ्त में केंचुए दिए गए हैं, जिनकी कीमत 60 हजार रुपये से अधिक हैं।

 

एफपीओ का भी गठन

जैविक खेती को बढावा देने के लिए हम सभी जैविक खेती करने वाले युवा किसानों द्वारा किसान उत्पादक समूह एफपीओ का भी गठन किया है।

उन्नतशील किसान सतीश बैस ने जैविक में सुभाष पालेकर जीरो बजट खेती व भारत भारती बेतूल जैविक प्रशिक्षण संस्थान शासकीय कृषि विभाग में कई बार जैविक प्रशिक्षण प्राप्त किया।

इसलिए उन्हें पिछले वर्ष 2021 में जिले का सर्वोत्तम कृषक पुरस्कार से सम्मान भी मिल चुका है।

source : naidunia

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