होगी बम्पर पैदावार
मिट्टी का उपजाऊ होना बहुत ज्यादा जरूरी है। मिट्टी उपजाऊ होगी तभी किसानों को अच्छी पैदावार मिलेगी।
तो चलिए इस लेख में जानते हैं मिट्टी की गुणवत्ता कैसे बढ़ाएं-
मिट्टी की गुणवत्ता
मिट्टी अगर उपजाऊ रहेगी तो किसानों को अधिक पैदावार मिलेगी। जिससे कमाई भी ज्यादा होगी। अनाज की क्वालिटी भी अच्छी होगी।
अगर मिट्टी उपजाऊ नहीं रहती है तो किसानों को उत्पादन कम मिलता है। लेकिन लागत उतनी ही आती है।
जिससे किसानों को घाटा होने लगता है। मगर आप चाहे तो खराब से खराब जमीन को उपजाऊ बना सकते हैं।
तो चलिए इस लेख में हम जानते हैं मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए क्या-क्या कर सकते हैं।
गाय का गोबर
गाय का गोबर मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए बड़ा सहायक होता है। एक एकड़ में चार से पांच ट्रॉली गाय का गोबर डालें। यहां पर ध्यान रखें की गाय का पुराना सड़ा गोबर होना चाहिए।
कच्चे गोबर का इस्तेमाल न करें। गाय का गोबर डालने से मिट्टी उपजाऊ होती है। पैदावार किसानों को अधिक मिलती है।
खाद छिड़कने की मशीन भी आती है। जिससे खेतों में एक समान मात्रा में खाद छिड़क सकते हैं।
वर्मीकंपोस्ट
मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए वर्मीकंपोस्ट खाद सबसे बढ़िया होती है। एक एकड़ में 4 से 5 टन वर्मी कंपोस्ट खाद डाल सकते हैं।
अगर ज्यादा खर्च करना चाहते हैं तो 6 टन भी डाल सकते हैं। खेत में कंपोस्ट खाद छिड़क सकते है या बेड बनाकर भी डाल सकते हैं।
मिट्टी की जांच
मिट्टी में गोबर खाद की आवश्यकता है या नहीं इसके लिए आप मिट्टी की जांच कर सकते हैं।
जिसमें ऑर्गेनिक कार्बन अगर कम है तो फिर गोबर खाद जरूर दें। क्योंकि मिट्टी को उसकी आवश्यकता है।
दलहनी फसलों की खेती
दलहनी फसलों की खेती से भी मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ती है। इससे मिट्टी में सुधार होता है। आपको बता दे की दलहनी फसलों की जड़ों में राइजोबियम बैक्टीरिया पाए जाते हैं।
जिससे मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ती है। खेत की मिट्टी की उर्वरक शक्ति बढ़ जाती है। दलहनी फसलों में अरहर, मूंग, चना, मटर, उड़द आदि आते हैं।
कच्चे गोबर के इस्तेमाल से नुकसान
खेत में किसान कच्चा गोबर ना डालें। कच्चा गोबर डालने से फायदा नहीं नुकसान होता है। कच्चा गोबर डालने से खेत में दीमक की समस्या आ जाती है। इसके अलावा गोबर में जो मीथेन गैस होती है वह भी हानिकारक होती है।
कच्चा गोबर से पौधे जल सकते हैं क्योंकि इसमें नाइट्रोजन भर-भर के होता है।
कच्चे गोबर में बैक्टीरिया होते हैं। खेत में अगर सीधा कच्चा गोबर डाल दिया जाता है तो मिट्टी में अम्लीयता बढ़ जाती है। खेत में सीधा गोबर डालेंगे तो फसल में पर फफूंद या अन्य रोग तेजी से लगते हैं।
इसलिए कच्चे गोबर का इस्तेमाल न करें। अगर कच्चा गोबर खरीद रहे है तो पहले उसे सड़ा लें जब वह पूरी तरह से खाद बन जाए तब इस्तेमाल करें।
नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।