सरकार ने पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम में किया संशोधन

पशुओं के लिए अब मिलेगी सस्ती दवाएँ

पशुपालन को लाभ का धंधा बनाने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, इसमें पशुओं को रोगों से बचाने के लिए सरकार द्वारा “पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम” चलाया जा रहा है।

योजना के तहत पशुओं के लगने वाले विभिन्न संक्रामक रोगों के नियंत्रण के लिए पशुओं का टीकाकरण, पशुपालकों के घर पर जाकर पशुओं का इलाज एवं पशुपालकों को दवाएँ उपलब्ध कराना शामिल है।

इस कड़ी में 5 मार्च के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम (LHDCP) में संशोधन को मंजूरी दे दी है।

इस योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NADCP), पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण (LH&DC) और पशु औषधीय नामक तीन घटक शामिल है।

इसमें भी पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण के तहत भी तीन उप-घटक है जो इस प्रकार है:-

  1. गंभीर पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम।
  2. मौजूदा पशु चिकित्सा अस्पतालों और औषधालयों की स्थापना और सुदृढ़ीकरण।
  3. मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई और पशु रोगों के नियंत्रण के लिए राज्यों को सहायता।

 

सस्ती और जेनेरिक दवाओं को दिया जाएगा बढ़ावा

5 मार्च के दिन सरकार द्वारा किए गए संशोधन में सरकार ने पशु औषधि को एक नए घटक के रूप में जोड़ा गया है।

इस योजना में आगामी दो वर्षों यानी 2024-25 और 2025-26 के लिए सरकार द्वारा 3880 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

जिसमें औषधि घटक के तहत अच्छी गुणवत्ता वाली और सस्ती जेनेरिक पशु चिकित्सा दवा और दवाओं की बिक्री के लिए प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए 75 करोड़ रुपये का प्रावधान शामिल है।

 

पशुओं में लगने वाली बीमारियों में आएगी कमी

पशुओं में समय-समय पर कई तरह के रोग जैसे खुरपका और मुंहपका रोग (FMD),  ब्रुसेलोसिस, पेस्ट डेस पेटिट्स रूमिनेंट्स (PPR), सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड (CSF), लम्पी स्किन डिजीज (LSD) आदि लगने की संभावना रहती है।

इन बीमारियों से पशुओं की उत्पादकता पर प्रभाव पड़ता है।

पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत पशुओं को इन रोगों से बचाने के लिए टीकाकरण किया जाता है।

जिससे इन बीमारियों की रोकथाम कर पशुओं की उत्पादकता में होने वाले नुकसान में कमी की जा सके।

यह योजना मोबाइल पशु चिकित्सा लिंट्स (ईएसवीएचडी-एमवीयू) के उप-घटकों के माध्यम से पशुधन स्वास्थ्य देखभाल की डोर-स्टेप डिलीवरी और पीएम-किसान समृद्धि केंद्र और सहकारी समितियों के नेटवर्क के माध्यम से जेनेरिक पशु चिकित्सा दवा-पशु औषधि की उपलब्धता में सुधार का भी समर्थन करती है।

 

योजना से मिलेगा यह लाभ

पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम की मदद से पशुओं का टीकाकरण, निगरानी और स्वास्थ्य सुविधाओं के उन्नयन के माध्यम से पशुधन रोगों की रोकथाम और नियंत्रण में मदद मिलेगी।

इस योजना से उत्पादकता में सुधार होगा, रोजगार पैदा होगा, ग्रामीण क्षेत्र में उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा और बीमारी के बोझ के कारण किसानों को होने वाले आर्थिक नुकसान को रोका जा सकेगा।

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