पान की खेती करने वाला किसान राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के किसान अवनीश पात्र ने कृषि के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है। उन्हें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), नई दिल्ली द्वारा आयोजित कृषि विज्ञान मेले में ‘नवोन्मेषी किसान’ (इनोवेटिव फार्मर) के रूप में सम्मानित किया गया। यह सम्मान पाने वाले वे छत्तीसगढ़ के एकमात्र किसान हैं।

अवनीश पात्र ने पारंपरिक खेती से हटकर नई तकनीकों को अपनाया और पान की खेती से सालाना 15 लाख रुपये तक की आय अर्जित की। उनकी इस सफलता ने न केवल उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई, बल्कि प्रदेश के अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन गए हैं।

पान की खेती में नवाचार

अवनीश पात्र ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर और कृषि विज्ञान केंद्र, गरियाबंद के मार्गदर्शन में पान की खेती शुरू की। शुरुआत में उन्होंने शेड नेट के तहत पान उत्पादन किया, लेकिन बाद में कृषि वैज्ञानिकों की सलाह पर आम के बगीचे में पान की खेती शुरू की। इस तकनीक से वे पिछले दो साल से सफलतापूर्वक बिलौरी, बंगला, मीठा और कपूरी किस्मों की पान खेती कर रहे हैं।

अवनीश ने केवल पान की खेती तक ही सीमित नहीं रहकर समन्वित कृषि प्रणाली को अपनाया। वे 3 एकड़ में अनाज, 5 एकड़ में फलों की खेती, और एक एकड़ में वानिकी एवं औषधीय फसलें उगा रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने 22 गायों का डेयरी फार्म और 200 मुर्गियों की क्षमता वाला पोल्ट्री फार्म भी संचालित किया है। इन सभी स्रोतों से उनकी वार्षिक आय लगभग 15 लाख रुपये तक पहुंच गई है।

अवनीश पात्र को इससे पहले भी कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। वर्ष 2023 में उन्हें ‘मिलेनियर फार्मर ऑफ इंडिया’ और 2019 में ‘कृषि रत्न’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इस बार उन्हें आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक ने ‘नवोन्मेषी किसान’ के रूप में सम्मानित किया।

 

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