हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

DAP की कमी के चलते किसानों को दी जा रही है यूरिया के साथ सिंगल सुपर फास्फेट उपयोग करने की सलाह

 

यूरिया के साथ सिंगल सुपर फास्फेट का उपयोग

 

देश के कई क्षेत्रों में रबी फसलों खासकर तिलहन फसलों की बुआई का काम शुरू हो गया है|

बुआई के समय किसानों को बीज के साथ सबसे अधिक जरुरत उर्वरक की होती है परन्तु कई जगहों पर DAP खाद की कमी देखी जा रही है|

कमी को देखते हुए कृषि विभाग DAP की जगह SSP उर्वरक के उपयोग की सलाह दे रहा हैं|

बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान तथा अन्य राज्यों के तरफ से किसानों के लिए यह सलाह लगातार जारी की जा रही है कि किसान DAP के स्थान पर सिंगल सुपर फास्फेट का उपयोग यूरिया के साथ करें|

 

राजस्थान के कृषि मंत्री श्री लालचन्द कटारिया ने कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश में डीएपी आपूर्ति में सुधार लाने के लिए निरन्तर प्रयास कर रही है।

साथ ही उन्होंने किसानों से विकल्प के तौर पर सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी) एवं एनपीके का उपयोग करने की अपील की है।

SSP जहाँ बाजार में आसानी से उपलब्ध है वहीँ यह DAP की तुलना में सस्ता भी होता है साथ ही इससे मिट्टी को अधिक पोषक तत्व भी मिल जाते हैं|

 

राज्य में अभी है DAP की कमी

कृषि मंत्री ने बताया कि हमारे देश में डीएपी उर्वरक की आपूर्ति काफी हद तक विदेशी आयात पर निर्भर है।

इस साल आयात कम होने से पूरे देश में ही डीएपी की मांग एवं आपूर्ति में अंतर बढ़ गया है, जिससे अन्य राज्यों के साथ ही राजस्थान भी प्रभावित हुआ है।

केन्द्र सरकार ने राज्य में इस साल अप्रेल से सितम्बर माह के दौरान 4.50 लाख मैट्रिक टन मांग के विरूद्ध 3.07 लाख मैट्रिक टन डीएपी ही आपूर्ति की है।

साथ ही अक्टूबर महीने में 1.50 लाख मैट्रिक टन मांग के विरूद्ध 68 हजार मैट्रिक टन डीएपी स्वीकृत की है।

इससे राज्य में डीएपी की कमी हो गई है। राज्य सरकार डीएपी की आपूर्ति में सुधार के लिए लगातार प्रयास कर रही है।

 

सिंगल सुपर फास्फेट (SSP) के छिड़काव से किसानों को लाभ

कृषि विभाग किसानों को वैकल्पिक फॉस्फेटिक उर्वरक सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी) एवं एनपीके का उपयोग करने की सलाह दे रहा है, ताकि डीएपी की कमी से संभावित नुकसान से बचा जा सके।

एसएसपी एक फॉस्फोरस युक्त उर्वरक है, जिसमें 18 प्रतिशत फॉस्फोरस एवं 11 प्रतिशत सल्फर की मात्रा पाई जाती है।

इसमें उपलब्ध सल्फर के कारण यह उर्वरक तिलहनी एवं दलहनी फसलों के लिए अन्य उर्वरकों की अपेक्षा अधिक लाभदायक होता है।

 

यूरिया के साथ SSP का छिड़काव करने से होती है 5 पोषक तत्वों की पूर्ति

कृषि विभाग द्वारा किसानों को सलाह दी गई है कि वे डीएपी की जगह सिंगल सुपर फास्फेट और यूरिया खाद को बेसल डोज के रूप में उपयोग करेंगे।

तो वह डीएपी से ज्यादा कारगर साबित होगी, क्योंकि डीएपी में दो पोषक तत्व नाइट्रोजन 18 प्रतिशत और फास्फोरस 46 प्रतिशत पाया जाता है।

जबकि सिंगल सुपर फास्फेट में फास्फोरस 16 प्रतिशत, कैल्शियम 18.5 प्रतिशत, सल्फर 12, प्रतिशत मैग्निशियम 0.5 प्रतिशत पाया जाता है।

यूरिया में नाइट्रोजन 46 प्रतिशत पाया जाता है इसलिए किसान एसएसपी व यूरिया को मिलाकर 5 पोषक तत्वों की पूर्ति कर सकते हैं।

 

एसएसपी डीएपी की तुलना में सस्ता एवं बाजार में आसानी से उपलब्ध

SSP उर्वरक डीएपी की तुलना में सस्ता एवं बाजार में आसानी से उपलब्ध है।

प्रति बैग डीएपी में 23 किलोग्राम फॉस्फोरस एवं 9 किलोग्राम नाइट्रोजन पायी जाती है।

यदि विभागीय सलाह अनुसार डीएपी के विकल्प के रूप में 3 बैग एसएसपी एवं 1 बैग यूरिया का प्रयोग किया जाता है, तो इससे भी कम मूल्य पर अधिक नाइट्रोजन एवं फॉस्फोरस तथा अतिरिक्त सल्फर प्राप्त किया जा सकता है।

इससे 24 किलोग्राम फॉस्फोरस, 20 किलोग्राम नाइट्रोजन एवं 16 किलोग्राम सल्फर मिलता है।

डीएपी के एक बैग की कीमत 1200 रूपए है, वहीं एसएसपी के 3 बैग की लागत 900 रूपए एवं यूरिया के एक बैग की लागत 266 रूपए सहित कुल 1,166 रूपए खर्च होंगे जो डीएपी के खर्चे से कम है।

source

 

यह भी पढ़े : ये हैं प्याज की 5 सबसे उन्नत किस्में

 

यह भी पढ़े : खेत से ब्रोकली तोड़ने के मिलेंगे 63 लाख सालाना

 

यह भी पढ़े : खेत मे भर गया इतना पानी, कि नाव से मक्का निकलना पड़ा

 

शेयर करे