किसान बिना आर्थिक दबाव से कृषि यंत्र खरीद सकें : केंद्रीय कृषि मंत्री
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत पटियाला में कृषि यंत्रों के कारखाने का दौरा किया।
उन्होंने छोटी जोत वाले किसानों के लिए कृषि यंत्र बनाने के लिए कहा ताकि किसान बिना आर्थिक दबाव से कृषि यंत्र खरीद सकें।
अभी देशभर में विकसित कृषि संकल्प अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत कृषि वैज्ञानिक और कृषि विभाग की टीम गाँव में जाकर किसानों को खेती की उन्नत तकनीकों के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
इस कड़ी में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान 5 जून के दिन विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत पंजाब के किसानों से मिले और खेतों में जाकर फसल और उत्पादन का जायजा लिया।
साथ ही पटियाला के अमरगढ़ का दौरा कर कृषि यंत्रों के कारखाने में विभिन्न कृषि मशीनों, यंत्रों और उपकरणों का भी अवलोकन किया।
इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कहा कि उत्पादन बढ़ाने और उत्पादन की लागत कम करने जैसे दो काम हमें एक साथ लक्ष्यबद्ध होकर करने होंगे। उत्पादन बढ़ाने के लिए अच्छे बीज जरूरी है।
उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिकों को बदलती जलवायु के अनुसार अधिक तापमान सहनशीलता वाले बीज विकसित करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि शोध आधारित जलवायु अनुकूल खेती की दिशा में आगे बढ़ना होगा।
खेती के लिए अब आधुनिकतम तकनीकों और पद्धतियों को अपनाना होगा। इससे उत्पादन भी बढ़ेगा और श्रम व लागत भी घटेगी।
कटाई के साथ-साथ रोपाई भी अब मशीनों से हो सकती है। उन्होंने कहा कि कटाई के लिए अब बहुउद्देशीय हार्वेस्टर उपलब्ध है, जिससे किसानों को लागत और श्रम की बचत में अत्यधिक लाभ हो रहा है।
छोटी जोत वाले किसानों के लिए बनाए जाए कृषि यंत्र
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि हमें दुनिया को कृषि यंत्र निर्यात करने की दिशा में भी काम करना चाहिए। जिसके लिए राज्य सरकारों को भी मिलकर काम करना होगा।
हमें विदेशों की आवश्यकता के अनुसार निर्यात के लिए कृषि यंत्र बनाने चाहिए और साथ ही अपने देश के छोटी जोत वाले किसानों के लिए भी कृषि यंत्र बनाने पर जोर देना होगा।
इन यंत्रों की कीमत भी ऐसी होनी चाहिए जिसे हमारे किसान बिना आर्थिक दबाव के खरीद सके। उन्होंने कहा कि सब्सिडी उन्हें ही मिलनी चाहिए जो असल में उसके हकदार हैं।
अन्त में कृषि मंत्री ने कहा कि आगे मशीनीकरण को लेकर विस्तार से चर्चा की जाएगी। उद्योग जगत के लोगों से भी मिलकर इसे नई दिशा देने का काम किया जाएगा।
मुझे खुशी है कि वैश्विक स्पर्धा करने लायक कृषि यंत्रों का अब हमारे अपने देश में निर्माण हो रहा है।
खेती की हर समस्या का समाधान किसान भाइयों-बहनों से बातचीत के बाद ही तय किया जाएगा, ताकि भारत आगे बढ़ सके और हम दुनिया को दिशा दिखा सके।
Ladli Behna Yojana: खाते में नहीं आई 24वीं किस्त? तो तुरंत करें ये जरूरी काम