आधुनिक कृषि यंत्रों की होगी बुकिंग
26 मई से आयोजित होने वाले तीन दिवसीय कृषि उद्योग समागम सह कृषि मेले में किसानों को कृषि आधारित उद्योगों के बारे में जानकारी के अलावा दुग्ध उत्पादन, मत्स्य उत्पादन, शाक-सब्जी उत्पादन, श्रीअन्न उत्पादन, उद्यानिकी, बागवानी, उन्नत किस्म के बीज, खाद, उर्वरक की जानकारी सहित उन्नत कृषि उपकरणों की जानकारी दी जाएगी।
किसानों को खेती-किसानी की नई तकनीकों से अवगत कराने के लिए सरकार द्वारा समय-समय पर कृषि मेलों का आयोजन किया जाता है।
इस कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के सभी संभागों में कृषि मेलों का आयोजन करने का निर्णय लिया गया है।
इसमें मंदसौर जिले में राज्य स्तरीय मेले का आयोजन अप्रैल माह में किया जा चुका है, जिसके बाद अब अगले कृषि मेले का आयोजन 26 मई को नरसिंहपुर जिले में किया जाएगा।
16 मई के दिन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रालय में किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग की समीक्षा बैठक का आयोजन किया।
बैठक में कृषि सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि 26, 27 और 28 मई के दौरान जिला मुख्यालय नरसिंहपुर में कृषि आधारित उद्योगों का सम्मेलन सह विशाल कृषि मेला आयोजित किया जाएगा। इस बार आयोजित होने वाला यह मेला तीन दिवसीय रहेगा।
कृषि मेले में यह रहेगा खास
कृषि सचिव एम. सेल्वेन्द्रम ने बताया कि कृषि मेले में कृषि आधारित उद्योगों के बारे में जानकारी के अलावा दुग्ध उत्पादन, मत्स्य उत्पादन, शाक-सब्जी उत्पादन, श्रीअन्न उत्पादन, उद्यानिकी, बागवानी, उन्नत किस्म के बीज, खाद, उर्वरक की जानकारी के साथ ही उन्नत कृषि उपकरणों का प्रदर्शन भी किया जाएगा।
मेले में तीन दिन अलग-अलग गतिविधियां होंगी।
इस दौरान उन्नत कृषि उपकरणों के साथ किसानों से आधुनिक कृषि उपकरणों की बुकिंग भी कराई जाएगी।
कृषि के क्षेत्र में नए र्स्टाट-अप्स के बारे में जानकारी भी दी जाएगी। इसके अलावा कृषि सचिव ने बताया कि नरसिंहपुर के बाद 8 से 10 जून 2025 तक सतना में विशाल कृषि मेले सह कृषक सम्मेलन का आयोजन प्रस्तावित है।
कृषि मेले को लेकर मुख्यमंत्री ने दिए यह निर्देश
मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कृषि विभाग की बैठक में कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के हर संभाग में किसान मेलों का आयोजन करने का निर्णय लिया है।
इन मेलों में कृषि आधारित उद्योगों में निवेश पर जोर दिया जा रहा है।
हाल ही में मंदसौर जिले के सीतामऊ में आयोजित कार्यक्रम में किसानों को कृषि के आधुनिक यंत्रों और तकनीक से अवगत कराया गया।
सीतामऊ में हुए कृषि उद्योग समागम के अनुभवों को सामने रखें और इन अनुभवों के आधार पर आगे होने वाले कृषि उद्योग समागमों की तैयारी करें, जिससे किसानों को इन समागमों से अधिक और बेहतर परिणाम प्राप्त हों।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को खेतों में नरवाई जलाने से रोकने के प्रयास किए जाएं।
किसानों को हैप्पी सीडर कृषि यंत्र का उपयोग करने के लिए जागरूक किया जाए।
उन्होंने कृषि यंत्रों को प्रोत्साहन और हर ग्राम पंचायत में हैप्पी सीडर की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।