किसानों से ज्वार, बाजरा, मक्का जैसी श्रीअन्न फसलें खरीदेगी सरकार

किसानों को किया जाएगा प्रोत्साहित

मंत्रालय में हुई कृषि विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रागी, कोदों, कुटकी, ज्वार-बाजरा, मक्का जैसे श्रीअन्न का उत्पादन बढ़ाने और किसानों को खेती के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए।

16 मई के दिन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रालय में हुई किसान कल्याण और कृषि विभाग की बैठक में कहा कि प्रदेश में रागी, कोदों, कुटकी, ज्वार-बाजरा, मक्का जैसे श्रीअन्न का उत्पादन बढ़ाया जाए और किसानों को श्रीअन्न उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा उत्पादित श्रीअन्न अब सरकार खरीदेगी।

मुख्यमंत्री ने तुअर उत्पादक किसानों को अच्छे किस्म के खाद, बीज और उत्पादन वृद्धि के लिए प्रोत्साहन देने के भी निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि इसके लिए किसानों को फसल पर अनुदान देने के साथ ही फसल का बीमा कराने जैसे नवाचार भी किए जा सकते हैं।

 

किसानों को दिया जाए प्रोत्साहन

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किए जायें।

प्रदेश के किसानों को रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर उन्नत किस्म के बीज, आधुनिक कृषि यंत्रों, अच्छा भाव, अनुदान आदि का प्रोत्साहन मिले।

उन्होंने कहा कि श्रीअन्न रागी, कोदो-कुटकी, मक्का, ज्वार, बाजरा की फसलों को भी प्रोत्साहन दिया जाए।

इन फसलों के उत्पादक क्षेत्र को अच्छी पैदावार करने के लिए प्रोत्साहन मिले। आवश्यकता अनुसार अनुदान की राशि भी बढ़ाई जाए।

 

फल, सब्जी और मसाला मंडी की स्थापना का करें प्रयास

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मंडियों का विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों से आकस्मिक निरीक्षण करायें।

मंडियों की व्यवस्थाओं को और भी बेहतर बनाया जाए। नई जरूरतों के मुताबिक अब अलग-अलग मंडियों की स्थापना पर विचार किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि मंडियों का फसलवार मॉडल तैयार करें। कृषि उपज मंडी के अलावा अब फल व सब्जी मंडी, मसाला मंडी या अन्य विशेष पैदावार की मंडी स्थापना के लिए भी प्रयास किए जाएं।

इसके लिए रोडमैप तैयार किया जाए और यदि आवश्यकता है तो इसमें प्राइवेट सेक्टर को भी सम्मिलित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश की कृषि उपज मंडियों को आदर्श बनाया जाए। मंडियों में कृषि आधारित सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित हों।

मंडियों में किसानों को फसल बेचने में किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

मंडी में अपनी फसल बेचने आने वाले हर किसान को उसकी उपज का सही दाम मिले किसी का भी नुकसान न होने पाए।

मंडियों को और अधिक आधुनिक बनाया जाए यहां किसानों को उनके उपज में गुणवत्ता संवर्धन के बारे में भी बताया जाए।

उन्होंने कृषि अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे स्थानीय निकायों से नई मंडियों की स्थापना/ फसल भण्डारण क्षमता बढ़ाने के लिए समन्वय करें, जिससे किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए अधिक सुविधाएं मिल सकें।

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