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पशुपालन करने वाले किसान जीत सकते हैं 5 लाख तक का इनाम

गोपाल रत्न पुरस्कार

 

किसानों को पशुपालन के व्यवसाय में आने के लिए केंद्र सरकार द्वारा हर साल गोपाल रत्न पुरस्कार दिया जाता है.

इसका उद्देश्य किसानों को ज्यादा से ज्यादा पशुपालन की ओर आकर्षित करना है.

 

देश में पशुपालन करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा हर साल गोपाल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है.

किसानों के अलावा इसमें सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन और दुग्ध उत्पादक कंपनियों को भी सम्मानित किया जाता है.

आपको बता दें कि इस पुरस्कार को प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है.

इस बार आवेदन की अंतिम तिथि 30 सितंबर तय की गई है.

 

आवेदन करने के लिए योग्यता

सरकार की इस योजना अंतर्गत गाय एवं भैंसों को पालने वाले किसान ही पात्र हैं और इसके अलावा उनमें भी जो गाय की प्रमाणित स्वदेशी 50 नस्लों अथवा भैंस की 17 देशी प्रमाणित नस्लों में से किसी एक को पालते हैं तभी इस पुरस्कार के लिए आवेदन कर सकते हैं.

इसी प्रकार सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान करने वाले तकनीशियन के लिए तय किया गया है कि उसने किसी प्रमाणित संस्था से कम से कम 90 दिनों का प्रशिक्षण प्राप्त किया हो.

दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र योगदान दे रही सहकारी समिति, एमपीसी या एफपीओं दुग्ध उत्पादक कम्पनी जो प्रतिदिन 100 लीटर दूध का उत्पादन करती है, और उनके साथ कम से कम 50 किसान सदस्य हो, पात्र होंगें.

 

तीन श्रेणी में दिए जायेंगे पुरस्कार

यह पुरस्कार केंद्र सरकार की राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के तहत आयोजित किया जा रहा है.

गोपाल रत्न पुरस्कार में तीन श्रेणी में पुरस्कार दिया जाएगा.

जिसमें प्रथम श्रेणी वाले को 5 लाख, दूसरी श्रेणी वाले को 3 लाख और तीसरी श्रेणी पर आने वाले को 2 लाख रुपए का पुरस्कार प्रदान किया जाएगा.

इस पुरस्कार समारोह का आयोजन राष्ट्रीय दुग्ध दिवस 26 नवंबर 2022 को आयोजित किया जाएगा.

 

ऐसे करें आवेदन

गोपाल रत्न पुरस्कार में आवेदन की इच्छा रखने वाले किसान, कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन और सहकारी व दुग्ध उत्पादक कम्पनियां भारत सरकार के पशुपालन, मत्स्य और डेयरी विभाग, की आधिकारिक वेबसाइट awards.gov.in पर जाकर 30 सितंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं.

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