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बांस उत्पादकों को अब ऑनलाइन मिलेगी परिवहन की यह सुविधा

 

किसानों के लिए खुशखबरी

 

किसानों की आय में वृद्धि के लिए बांस की खेती को बढ़ावा दे रही है सरकार, इसके परिवहन में न हो दिक्कत इसके लिए लागू की गई राष्ट्रीय पारगमन पास प्रणाली.

 

मध्य प्रदेश बांस उत्पादक किसानों के लिए एक खुशखबरी है.

अब यहां के किसानों को इसे एक से दूसरी जगह लाने और ले जाने के लिए कार्यालयों का चक्कर नहीं काटना होगा.

लकड़ी और बांस उत्पादक किसानों को अब अनुज्ञा पत्र की सुविधा ऑनलाईन मिलेगी.

प्रायोगिक रूप से मध्यप्रदेश के अलावा तेलंगाना राज्य में होगी यह नई व्यवस्था होगी.

 

दरअसल, मोदी सरकार ने जनवरी 2018 में बांस को पेड़ की कैटेगरी से हटा दिया था.

इसके बाद बांस काटने पर फॉरेस्ट एक्ट लागू होना बंद हो गया.

सरकार ने सिर्फ नियम नहीं बदला बल्कि इसकी व्यापक पैमाने पर खेती के लिए राष्ट्रीय बैंबू मिशन भी बनाया.

जिसके तहत किसान को बांस की खेती करने पर आर्थिक मदद भी दी जा रही है.

भारत में बांस की 136 प्रजातियां हैं. अलग-अलग काम के लिए अलग-अलग बांस की किस्म हैं. जिनकी किसान खेती कर रहे हैं.

 

क्यों लिया गया यह फैसला

अब किसान खेती कर रहे हैं तो बांस काटकर उसका फर्नीचर या किसी दूसरे रूप में इस्तेमाल के लिए उसे एक से दूसरी जगह भी ले जाना होगा.

जिसमें पुलिस तंग न करे, इसलिए परमिट जारी होता है.

मध्य प्रदेश के वन विभाग में लकड़ी और बांस उत्पादक किसानों को नाके पर होने वाली कठिनाईयों को मद्देनजर रखते हुए अब परमिट देने का काम ऑनलाईन देने का फैसला हुआ है.

 

किसानों की आय बढ़ाने में मिलेगी मदद

केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने नेशनल ट्रांजिस्ट पास सिस्टम के तहत प्रायोगिक रूप से मध्य प्रदेश और तेलंगाना राज्य का चयन किया है.

एमपी के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख रमेश कुमार गुप्ता ने बताया कि परमिट जारी करने के लिए ‘एप्लिकेशन ऐप’ लाँच किया गया है.

 

इसमें वनोपज व्यापारी और किसान लकड़ी-बांस के अंतर्राज्जीय के साथ राज्य के भीतर परिवहन के लिए ऑनलाईन अनुज्ञा प्राप्त कर सकेंगे.

ऑनलाईन यह सुविधा होने से वन विभाग के संबंधित कार्यालय में चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी.

इसके साथ परिवहन लागत और समय की बचत से लाभ मिलेगा और किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी.

 

यह होगी नई व्यवस्था

मोबाईल ऐप की मदद से मूल स्थान से गंतव्य स्थल तक राज्य की सीमाओं पर निर्वाध रूप से परिवहन किया जा सकेगा.

देश में लकड़ी, बांस और अन्य वनोपजों के परिवहन अलग-अलग राज्यों के विभिन्न कानूनों और नियमों पर आधारित हैं.

एक राज्य में जिस वनोपज को मुक्त रखा गया है वहीं दूसरे राज्य में इसके लिए परमिट पत्र प्राप्त करना आवश्यक है.

इस व्यवस्था में बदलाव लाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय पारगमन पास प्रणाली लागू की गई है.

इससे पूरे भारत में एक परमिट की सुविधा प्रदान की जाएगी.

 

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