बाजार में मिल रही ऊंची कीमत
हमारे देश में जिस पैमाने पर चावल की पैदावार होती है, उसी पैमाने पर इसकी खपत भी होती है.
उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक चावल की अच्छी-खासी मांग है.
भारत में अब धीरे-धीरे काले चावल की खेती में बढ़ोतरी हो रही है.
समय के साथ-साथ बढ़ रही काले चावल की मांग को देखते हुए किसान इस फसल की ओर रुख कर रहे हैं.
दरअसल, काले चावल पर किए गए कई अध्ययनों में इसके जबरदस्त स्वास्थ्य फायदों के बारे में मालूम चला है.
जिसके बाद लोग सफेद चावल के साथ-साथ काले चावल को भी अपने खाने में शामिल कर रहे हैं.
आपको जानकर हैरानी होगी कि ब्लैक राइस ब्लड प्रेशर, शुगर जैसी बीमारियों में कारगर साबित हो रहा है.
मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले की ग्राम कोटा पंचायत के किसान भारत सिंह ने ब्लैक राइस की खेती शुरु की है.
बताते चलें कि मध्यप्रदेश में संभवतः पहली बार किसी किसान ने काले चावल की खेती की है, जिसके बाद से ही भारत सिंह पूरे राज्य में अब चर्चा का विषय बन गए हैं.
शिवपुरी में काले चावल की खेती शुरु करने वाले किसान भारत सिंह ने बताया इस फसल की खेती पूरी तरह से ऑर्गेनिक तरीके से की गई है.
इसमें किसी भी तरह के केमिकल खाद जैसे यूरिया या अन्य दवाओं का इस्तेमाल नही किया गया है.
इसमें सिर्फ गाय के मूत्र का इस्तेमाल हुआ है.
200 से 300 रुपये प्रति किलो के दाम पर बिक रहे काले चावल
भारत सिंह ने बताया कि बाजार में सफेद चावल की कीमत 80 से 100 रुपये प्रति किलो तक होती है.
वहीं ब्लैक राइस की कीमत मार्केट में 200 से 300 रुपये प्रति किलो तक है जो किसानों के लिए मुनाफे का सौदा है.
किसान ने कहा कि अभी हमने सिर्फ चार बीघा खेत में ब्लैक राइस की खेती शुरु की है.
जिसके बाद आगे इसकी खेती का विस्तार किया जाएगा.
विश्व के सबसे बड़े चावल उत्पादक देशों में भारत का नाम काफी आगे है.
भारत में चावल का उत्पादन करने वाले राज्यों में पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब, ओडिशा, बिहार, छत्तीसगढ़ प्रमुख हैं.
इनके अलावा और भी कई राज्यों में छोटे स्तर पर धान की खेती की जाती है.
भारत में हर साल करीब 37 मिलियन हेक्टेयर में होने वाली धान की खेती से 100 से 150 मिलियन टन चावल की पैदावार होती है.
भारत में चावल की अच्छी पैदावार और खपत के साथ-साथ बड़े स्तर पर इसका निर्यात भी किया जाता है.
स्वास्थ्य के प्रति सजग लोग कर रहे काले चावल का रुख
हमारे देश में जिस पैमाने पर चावल की पैदावार होती है, उसी पैमाने पर इसकी खपत भी होती है.
उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक चावल की बड़ी खपत है. आमतौर पर आपको भारत के घरों में साधारण सफेद चावल ही देखने को मिलेंगे.
लेकिन समय के साथ-साथ भारतीय थालियों में चावल का रंग भी बदलता जा रहा है.
आपको ऐसे कई लोग मिल जाएंगे जिन्हें सफेद चावल खाना तो पसंद है, लेकिन स्वास्थ्य के प्रति सजगता के कारण वे सफेद चावल खाने से परहेज करते हैं.
ऐसी स्थिति में लोगों के पास अब ब्लैक राइस (काले चावल) का विकल्प भी उपलब्ध है.
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