मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए धान उपार्जन पर प्रति हेक्टेयर 4000 रुपये की सहायता और गेहूं पर 175 प्रति क्विंटल बोनस देने की घोषणा की है.
किसानो को मिलेगा बोनस
मध्य प्रदेश सरकार लगातार किसानों के हित में फैसले ले रही है. कृषि एवं किसान कल्याण के प्रति प्रतिबद्ध राज्य सरकार ने अब किसानों को आर्थिक संबल देने के लिए नई घोषणा की है.
किसानों की समृद्धि सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सरकार धान उपार्जन के लिए प्रति हेक्टेयर 4000 रुपये की राशि सीधे किसानों के खाते में ट्रांसफर करने जा रही है.
यह राशि मार्च महीने में ही किसानों के खातों में भेज दी जाएगी. वहीं, गेहूं उत्पादकों को भी बड़ी राहत दी गई है.
उन्हें समर्थन मूल्य 2,425 रुपये प्रति क्विंटल के अतिरिक्त 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस मिलेगा, जिससे कुल राशि 2,600 रुपये प्रति क्विंटल हो जाएगी.
धान किसानों को 4000 रुपये प्रति हेक्टेयर की सौगात
राज्य सरकार ने ‘मुख्यमंत्री कृषक प्रोन्नति योजना’ के तहत धान उत्पादक किसानों को बड़ी राहत दी है.
इस योजना के तहत जिन किसानों ने अपनी धान की उपज का उपार्जन करवाया है और सभी आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर ली हैं, उन्हें प्रति हेक्टेयर 4000 रुपये की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी.
सरकार के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में 6.69 लाख किसानों ने लगभग 12.2 लाख हेक्टेयर भूमि में उत्पादित धान को उपार्जित किया है.
इस योजना के तहत किसानों को कुल 488 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी.
सरकार का कहना है कि यह योजना किसानों की आय बढ़ाने और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.
गेहूं किसानों को मिलेगा बोनस
धान उत्पादकों के साथ-साथ सरकार ने गेहूं किसानों को भी बड़ी राहत दी है.
गेहूं पर निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,425 रुपये प्रति क्विंटल है, जिसके ऊपर सरकार ने 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने की घोषणा की है.
इस प्रकार, किसानों को गेहूं की बिक्री पर कुल 2,600 रुपये प्रति क्विंटल का लाभ मिलेगा.
इस वर्ष प्रदेश में 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं उपार्जन का अनुमान है.
सरकार द्वारा दी जा रही 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस राशि से किसानों को लगभग 1,400 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ होगा.