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किसानों को उन्नात बना रही है काले गेहूं की खेती

सामान्य गेहूं की तुलना में हो रही तीन गुना आय

 

सामान्य गेहूं की बजाय अब किसानों का रूझान काले गेहूं की खेती की तरफ बढ़ रहा है।

जिले के कुछ किसानों को काले गेहूं की खेती उन्नात बना रही है।

आम गेहूं की तुलना में काले गेहूं से किसानों को तीन गुना आय हो रही है।

पोषक तत्वों से भरपूर इस गेहूं की डिमांड धीरे-धीरे बढ़ रही है।

 

सामान्य गेहु से अधिक कीमत

जिले के ग्राम सिरपुर, टिगरियांव, धनगांव, बोरखेड़ा में किसान करीब दो से तीन वर्षों से काले गेहूं की खेती कर रहे हैं।

यह गेहूं किसानों द्वारा 60 रुपये किलो तक बेचा जा रहा है। जबकि उच्चतम क्वालिटी का सामान्य गेहूं 23 रुपये किलो तक बाजार में बिक रहा है।

 

इंटरनेट के माध्यम से मिली जानकारी

आम गेहूं से तीन गुना अधिक कीमत में बिकने वाले काले गेहूं की खेती करने वाले खंडवा के किसान शशि मिश्रा बताते हैं कि उन्होंने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से काले गेहूं की खेती के बारे में जानकारी निकाली।

इसके बाद ग्राम सिरपुर के किसान राजेंद्र रघुवंशी जो कि पहले से इस गेहूं की खेती करते थे उनसे संपर्क किया। उन्होंने बीज उपलब्ध कराए।

अब दो साल से इस गेहूं की खेती कर रहा हूं। एक एकड़ भूमि में 30 किलो बीज बोने पर करीब 12 क्विंटल काले गेहूं की पैदावार हो रही है।

 

काले गेहूं की खेती लाभ का सौदा

जैविक खेती करने की वजह से यह पैदावार सामान्य गेहूं की तुलना में कम है। बावजूद इसके काले गेहूं की खेती लाभ का सौदा है।

सरकार को काले गेहूं की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को बाजार उपलब्ध कराना चाहिए।

ग्राम सुरगांव के राजेंद्र रघुवंशी ने कहा कि मैं पांच साल से काले गेहूं की खेती कर रहा हूं।

 

किसानों को बीज उपलब्ध करा रहे

पंजाब की एक रिसर्च कंपनी से गेहूं का बीज खरीदकर बुलवाया था। इसके बाद से जिले के अन्य किसानों को बीज उपलब्ध करा रहा हूं। शहर में इसकी डिमांड ज्यादा है।

परिचित और रिश्तेदार गेहूं खरीदकर ले जाते हैं। परिवार में भी हम काले गेहूं का ही उपयोग कर रहे हैं।

क्योंकि यह सामान्य गेहूं की तुलना में अधिक पोषक है। टिगरियांव के जितेंद्र पटेल, धनगांव के सीताराम इंगला, बोरखेड़ा खुर्द के राजेंद्र दरबार भी काले गेहूं की खेती कर रहे हैं।

source : naidunia

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