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कपास के दाम रिकॉर्ड स्तर पर

 

MSP 5726 और बिक रही 9 हजार रुपए तक प्रति क्विंटल

 

उत्पादन कम होने से इंटरनेशनल मार्केट में भी डिमांड

बरसात और बीमारियों के कारण उत्पादन कम होने की वजह से कपास के दाम में भारी उछाल आया है।

सरकार ने सामान्य कपास का समर्थन मूल्य (MSP) 5726 रुपए प्रति क्विंटल और लंबे रेशे वाली कपास का MSP 6025 रुपए घोषित किया है।

वहीं इसकी बिक्री जींद, कैथल, सिरसा और हिसार की मंडियों में 7 से 9 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक हो रही है।

इतना दाम मिलने के बावजूद किसान मायूस हैं क्योंकि उनके पास बेचने के लिए कपास ही नहीं है।

 

कपास निगम लिमिटेड के सिरसा स्थित कार्यालय के अधिकारी ने बताया कि इस बार किसानों को फसल का रेट अच्छा मिल रहा है।

इसकी वजह है कि कपास का उत्पादन ही बहुत कम है। करीब 40 प्रतिशत तक आवाक कम है।

दूसरी वजह यह है कि अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कपास की मांग लगातार बढ़ी है।

 

आढ़ती बोले- भाव बढ़िया, किसान कह रहे- लागत बढ़ी

जींद अनाज मंडी के आढ़ती सतपाल ने बताया कि मंडी में कपास की आमद कम है। इस बार बरसात की वजह से फसल खराब हो गई।

रही सही कसर सुंडी ने पूरी कर दी। कपास की फसल बड़े पैमाने पर खराब होने से आवक कम है और दाम बढ़ गए हैं।

 

जींद मंडी में आए कपास उत्पादक किसान राममेहर इस रिकार्ड तोड़ भाव से भी खुश नहीं है।

उन्होंने कहा कि फसल का उचित दाम नहीं मिला। लागत बहुत ज्यादा थी, जो रेट मिला उसमें भरपाई नहीं हो रही है।

किसान रामकरण ने कहा कि कपास की खेती से कोई लाभ नहीं हुआ।

इस बार फसल का उत्पादन ही बुहत कम हुआ है। कपास की खेती करने वाले ज्यादातर किसान निराश हैं।

 

कंपनियों की जवाबदेही सुनिश्चित हो

वहीं एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा से B.Sc. पास रोहित चौहान ने कपास उत्पादन के संबंध में किए सर्वे में दावा किया है कि इस संबंध में किसानों को जागरूक करने की जरूरत है।

वह चाहे कीटनाशकों का इस्तेमाल हो या फिर बीज का चयन।

सर्वे में सामने आया कि 90 प्रतिशत किसान बीज खरीद की रसीद तक नहीं लेते।

70 प्रतिशत किसान आढ़ती के माध्यम से बीज खरीदते हैं।

कपास उत्पादन में बेहतर तकनीक और कृषि संसाधनों के इस्तेमाल के प्रति जागरूक करने की जरूरत है।

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