हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

बारिश से बर्बाद हुई फसलें, कृषि विशेषज्ञों की सलाह पर ऐसे करें बचाव

बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की गेहूं, सरसों, चना, तोरई समेत अन्य फसलें बर्बाद हो गई हैं.

किसान परेशान हैं. कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को फसलें बचाने के लिए कुछ जरूरी सलाह भी दी हैं.

 

कम होगा नुकसान

खरीफ सीजन में बाढ़, बारिश और सूखे ने किसानों को परेशान किया था. किसानों की लाखों की फसलें बर्बाद हो गई थीं.

अब रबी सीजन चल रहा है. किसानों ने फसलों की कटाई भी शुरू कर दी है.

लेकिन अभी भी खराब मौसम किसानों को परेशान करना कम नहीं कर रहा है.

पिछले कई दिनों से हो रही बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों को खासा नुकसान पहुंचाया है.

गेहूं, सरसों, चना समेत तमाम फल, सब्जियां इस मौसम की मार से प्रभावित हैं.

कृषि विशेषज्ञों ने भी बचाव के लिए किसानों को सलाह दी है.

 

ओलावृष्टि से आलू, आम को नुकसान 

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, उत्तर प्रदेश, बिहार समेत अन्य राज्यों में बारिश, ओलावृष्टि सेआलू की खुदाई प्रभावित हुई है.

आलू की खुदाई समय पर न होने पर इसमे गलाव होने की संभावना है. वहीं, आम का बौर झड़ गया है.

कई जगह चना की कटाई भी चल रही है. यदि यही सिथति बनी रही तो किसानों को बहुत नुकसान होगा.

तेज बारिश से सभी तरह की सब्जियां भी प्रभावित हुई हैं.

 

तोरई, खीरा, सरसों भी प्रभावित

तेज बारिश के कारण सरसों की फसल के दाने तक गिर गए हैं. तोरई व खीरा की फसल बारिश से प्रभावित हुई है.

किसानों का कहना है कि आलू के कम दाम पहले से ही सता रहे हैं.

अब सरसों को हुए नुकसान से और अधिक परेशानी बढ़ेगी. गेहूं को भी खासा नुकसान पहुंचा है.

कृषि वैज्ञानिकों की सलाह, ये करें किसान

कृषि विशेषज्ञोें ने इस मौसम में किसानों को फसलों को लेकर अलर्ट रहने को कहा है. जहां सरसों की फसल पककर तैयार हो गई है.

किसान फसल की तत्काल कटाई शुरू कर दें. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरह से ओलावृष्टि हो रही है.

उसका असर गेहूं, सरसों पर देखने को मिलेगा. यदि फसल को 15 से 20 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है तो टॉप ड्रेसिंग कर दें.

यदि बहुत अधिक नुकसान हो गया है तो जायद की फसल के लिए खेत को तैयार कर लेना चाहिए.

यदि फसल कटकर खेत में पड़ी हुई है तो तत्काल उसे पॉलीथिन से ढक दें.

ऐसा करने से फसल का नुकसान होने की संभावना बहुत कम रहेगी.

 

कटी फसल को धूप में सुखाएं

बारिश का असर दलहनी फसलों पर भी देखने को मिल रहा है.

बारिश के कारण मक्का, उर्द, मूंग में अंकुरण कम होने की संभावना है.

इसके अलावा चना, मटर, मक्का, मूंगफली में भी जलभराव के कारण पैदावार की स्थिति गड़बड़ा सकती है.

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि कटी हुई जो भी फसल भीग गई है. उसे धूप में जरूर सुखाएं.

यह भी पढ़े : PM Awas Yojana : जारी हुई पीएम आवास योजना की राशि

 

यह भी पढ़े : खुशखबरी : मध्य प्रदेश में चना खरीदी लिमिट बढ़ी

 

शेयर करें