Tulsi Farming
तुलसी का पौधा धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है.
इसके आलावा तुलसी का उपयोग जड़ी–बूटी के रूप में कई तरह की बीमारियों के इलाज में किया जाता है.
तुलसी के अनेकों लाभ की वजह से तुलसी की खेती किसानों के लिए बहुत फायदेमंद होती है, साथ ही इसकी खेती के लिए बहुत कम रखरखाव की आवश्यकता होती है.
तो ऐसे में जो भी किसान तुलसी की खेती करना चाहते हैं, उनके लिए आज हम तुलसी की खेती के बारे में अधिक जानकारी लेकर आये हैं.
मिट्टी
तुलसी की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी की आवश्यकता होती है, साथ ही मिट्टी बलुई और दोमट अच्छी मानी जाती है.
वहीँ, मिट्टी का पीएच मान पौधे की अच्छी वृद्धि के लिए 5.5-7 के बीच सबसे उपयुक्त होता है.
बुवाई
बीजों के माध्यम से नर्सरी तैयार की जाती है, इसलिए बीज को 60 सेंटीमीटर की दूरी पर बोना चाहिए एवं पौधे को 30 से. मी. की दूरी पर लगाना चाहिए.
वहीं, अच्छी उपज के लिए बुवाई से पहले मिट्टी में 15 टन गोबर की खाद डालें. तुलसी के बीजों को तैयार क्यारियों में सुविधाजनक स्थान पर बोयें.
बीज मानसून से 8 सप्ताह पहले क्यारियों में बोया जाता है. बीजों को 2 सेमी की गहराई पर बोया जाता है.
इसके बाद गोबर की खाद और मिट्टी की पतली परत बीजों पर फैला दी जाती है. स्प्रिंकलर होज़ से सिंचाई की जाती है.
रोपाई
रोपाई से 15-20 दिन पहले, 2% यूरिया घोल लगाने से स्वस्थ पौध देने में मदद मिलती है.
रोपाई अप्रैल के मध्य में की जाती है. इसके अलावा रोपाई से 24 घंटे पहले सीडिंग बेड को पानी दें.
सिंचाई
गर्मियों में प्रति माह 3 सिंचाई करें और बरसात के मौसम में सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है.
एक वर्ष में 12-15 सिंचाई देनी चाहिए. पहली सिंचाई रोपाई के बाद और दूसरी सिंचाई पौध की खेती के दौरान करनी चाहिए.
ध्यान रहे कि 2 सिंचाई अवश्य करें और फिर मौसम के आधार पर शेष सिंचाई करें.
अच्छी कमाई कर सकते हैं
तुलसी की फसल से दो तरह के उत्पाद मिलते हैं, पहला बीज और दूसरा पत्ते. तुलसी के बीजों की बात करें, तो इसे सीधे बाजार में बेचा जा सकता है, जबकि पत्तों से तेल प्राप्त किया जा सकता है.
मंडियों में बीज का भाव करीब 150 से 200 रुपये प्रति किलो है. इसके तेल का भाव 700 से 800 रुपये प्रति किलो है.
अगर आप इसके आधार पर आंकड़े जुटाते हैं, तो 2 से 2.25 लाख तक आसानी से कमाया जा सकता है.
कितना आता है खर्च
पौधे लगाने के बाद पहली सिंचाई रोपाई के तुरंत बाद की जाती है. इसके बाद मिट्टी की नमी के मुताबिक सिंचाई की जाती है.
तुलसी का पौधा पूरी तरह तैयार होने में 100 दिन लेता है. जिसके बाद उन्हें काटा जाता है.
इसकी तुड़ाई करने के लिए तेज़ धुप वाला दिन सबसे उपयुक्त होता है.
1 बीघा जमीन पर इसकी खेती करने पर करीब 1500 रुपये का खर्च आता है.
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