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अक्टूबर महीने में करें पपीते की खेती, होगी बढ़िया पैदावार

मिलेगा बंपर मुनाफा

 

पपीते की खेती के लिए 6.5-7.5 पी. एच मान वाली हल्की दोमट सबसे उपयुक्त मानी जाती है.

इसके साथ आप दलहनी फसलों जैसे मटर, मेथी, चना, फ्रेंचबीन व सोयाबीन आदि की फसलों को सहफसली लगाकर बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं.

 

देश में आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, असम, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, जम्मू और कश्मीर, उत्तरांचल और मिज़ोरम जैसे राज्यों में पपीते की खेती बड़े स्तर पर की जाती है.

इसकी खेती साल में लगातार 12  महीने की जा सकती है.

इसके बढ़िया पैदावार के लिए 38 डिग्री सेल्सियस से 44 डिग्री सेल्सियस तक तापमान उपयुक्त माना जाता है.

इससे ज्यादा तापमान होने पर पपीते के पौधों को नुकसान होने का खतरा बढ़ जाता है.

 

ऐसी मिट्टी उपयुक्त

पपीते की खेती के लिए 6.5-7.5 पी. एच मान वाली हल्की दोमट या दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है.

इसके साथ आप दलहनी फसलों जैसे मटर, मेथी, चना, फ्रेंचबीन व सोयाबीन आदि की फसलों को सहफसली के तौर पर लगा सकते हैं.

पपीते की खेती की शुरुआत करने से पहले इसके पौधे को नर्सरी में तैयार किया जाता है.

 500 ग्राम बीज से आप नर्सरी में एक हेक्टेयर का पौध तैयार कर सकते हैं.

 

अक्टूबर में करें पपीते की खेती

पपीते की खेती साल के बारहों महीने की जा सकती है.

हालांकि, इसके लिए फरवरी, मार्च और अक्टूबर महीना सबसे उपयुक्त माना जाता है.

इन महीनों में ना ज्यादा ठंड होती है, ना ही मौसम ज्यादा गर्म होता है.

ऐसी स्थिति में पपीते की फसलों को पाला या लू लगने की आशंका कम हो जाती है.

पौधे लगाने से पहले खेत की अच्छी तरह तैयारी करके खेत को समतल कर लेना चाहिए ताकि पानी न भरे.

नर्सरी में तैयार पौधों को गड्ढों में लगा दें. फिर गड्ढों में मिट्टी और गोबर डाल दें ताकि पौधों का विकास तेज तरीके से हो सके.

गड्ढे की भराई के बाद सिंचाई कर देनी चाहिए, जिससे मिट्टी अच्छी तरह बैठ जाए.

 

इस वक्त करें तुड़ाई

पपीता जब पूरी तरह से पक जाए और उसके बीच के भाग में पीलापन आने लगे तब डंठल सहित इसकी तुड़ाई करनी चाहिए.

तुड़ाई के बाद स्वस्थ, एक से आकार के फलों को अलग कर लेना चाहिए तथा सड़े-गले फलों को हटा देना चाहिए.

 

इतना होता है मुनाफा

पपीते का एक पेड़ तकरीबन 40 किलो तक का फल दे सकता है.

एक हेक्टेयर में अगर आप 2250 पौधे लगाते हैं तो पेड़ के रूप में विकसित होने पर यह तकरीबन 900 क्विंटल फलों का उत्पादन कर सकता है.

अगर बाजार में एक किलो पपीते की कीमत 40-50 रुपये तक जाती है तो किसान आराम से 8 से 10 लाख तक का मुनाफा कमा सकता है.

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