बर्गर और पिज्जा में उपयोग होने वाले लेट्यूस के पत्तियों को अधिकतर विदेशों से ही आयात किया जाता था.
बाजार में इस पत्ते की कीमत भी अच्छी खासी है.
खेती-किसानी में नई तकनीकें आने के बाद अब भारत में भी किसान लेट्यूस की खेती करके बढ़िया मुनाफा कमाने लगे हैं.
सिर्फ 40 दिन में होगी अच्छी कमाई
आपने बर्गर की स्टफिंग में हरी पत्तियां देखी होंगी. हालांकि, इसे खाते हुए इन पत्तियों के बारे में ज्यादा नहीं सोचा होगा.
ये पत्तियां बाजार में काफी महंगी कीमत पर बिकती है. इसे रोमन लेट्यूस नाम से जाना जाता है.
बर्गर पिज्जा के अलावा लेट्यूस के पत्तियों का उपयोग सलाद के तौर पर भी होता है.
लेट्यूस की खेती ज्यादातर अमेरिका, मिस्त्र और चीन जैसे देशों में की जाती है.
खेती-किसानी में नई-नई तकनीकें आने के बाद अब लेट्यूस की खेती भारत में भी होने लगी है.
पॉलीहाउस और ग्रीन हाउस में भी की जा सकती है लेट्यूस की खेती
लेट्यूस में मौजूद प्रोटीन और अमीनो एसिड जैसे पोषक तत्व सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं.
इसकी खेती परंपरागत के अलावा हाइड्रोपोनिक तरीके से भी की जा सकती है.
लेट्यूस की फसल सिर्फ 40 से 50 दिनों में ही तैयार हो जाती है. सालभर में इस फसल से कई बार पैदावार ले सकते हैं.
किसान पॉलीहाउस या ग्रीनहाउस में इस फसल की खेती कर बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं.
ऐसे की जाती है खेती
लेट्यूस के पौधों की बिजाई के बजाय, इसकी नर्सरी तैयार करके इसकी रोपाई की जाती है.
इसकी खेती के लिये अच्छी नमी और पोषण वाली बलुई मिट्टी और बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त रहती है.
इस पौधे को अच्छी धूप और पानी दोनों की सख्त जरूर होती है. वक्त-वक्त लेट्यूस की फसल को पानी देते रहे हैं.
पत्तेदार फसल होने के कारण इसमें कीड़े, बीमारियां और गलन की संभावना लगी रहती है, इसलिये जैविक कीटनाशक ही फसलों पर छिडकें.
इसके अलावा पौधे के आसपास उग आए खर पतवार को समय-समय पर हटाते रहें.
कमा सकते हैं अच्छा मुनाफा
लेट्यूस के पत्तों का सबसे ज्यादा इस्तेमाल पिज्जा और बर्गर बनाने में किया जाता है.
ऐसे में बड़े रेस्टोरेंट में इसकी बेहद मांग रहती है.
एक हेक्टेयर इलाकों में इसकी रोपाई करने पर सिर्फ 40 दिनों के अंदर 120 क्विंटल सब्जी की उपज मिल सकती है.
बाजार में इसके पत्तों की कीमत 200 से 300 रुपये किलो तक पहुंच जाती है.
ऐसे में अगर किसान लेट्यूस की खेती तरीके से करे तो बंपर मुनाफा कमा सकता है.
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