मार्च में करें इन 3 सब्जियों की खेती, कम लागत में मिलेगी अच्छी उपज

गर्मियों के मौसम में करें इन तीन सब्जियों की खेती

मार्च में किसान गर्मियों की सब्जियों की खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। लौकी (300-400 क्विंटल/हेक्टेयर), भिंडी (जल्दी तैयार, कम पानी में उपज) और खीरा (150-200 क्विंटल/हेक्टेयर) की खेती लाभदायक होती है

सही समय पर बुवाई, जैविक खाद और उचित सिंचाई से पैदावार बढ़ाई जा सकती है. यहां जानें पूरी विधि –

जैसा कि आप जानते हैं कि मार्च का महीना शुरू होने वाला है. ऐसे में किसानों को अपने खेतों में गर्मियों की फसल को उगाने की तैयारियां शुरू कर देनी चाहिए.

ताकि वह समय पर अपनी फसल से अच्छी उपज पा सके. देखा जाए तो मार्च का महीना खेती-किसानी के लिए बेहद अहम होता है.

इस मौसम में किसान खात तौर पर अपने खेतों में सब्जियों की उन्नत किस्मों को लगाकर अच्छी पैदावार पा सकते हैं, जिससे वह बाजार में अच्छी मोटी कमाई सरलता से कर सकते हैं.

यदि आप भी मार्च के महीने में सब्जियों की खेती करने के बारे में विचार बनान रहे हैं, तो आज हम आपके लिए कुछ ऐसी सब्जियां लेकर आए हैं, जिससे आप सरलता से उगा सकते हैं.

 

लौकी की खेती

लौकी गर्मियों में सबसे अधिक बिकने वाली सब्जियों में से एक है. यह जल्दी तैयार होने वाली फसल है और बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है.

लौकी की फसल के लिए बुवाई का सही समय मार्च से अप्रैल माना जाता है. इसके लिए दोमट या बलुई दोमट मिट्टी उत्तम रहती है.

गर्मी में 5-7 दिन के अंतराल पर आवश्यक है. अच्छी उपज के लिए जैविक खाद, गोबर खाद, नाइट्रोजन युक्त उर्वरक का उपयोग करें.

लौकी की फसल बुवाई के 50-60 दिन बाद फल तोड़ने योग्य होते हैं. अगर लौकी की खेती से मुनाफे की बात करें, तो किसान इससे कम लागत में अधिक उत्पादन पा सकते हैं. इससे किसान प्रति हेक्टेयर 300-400 क्विंटल उपज पा सकते हैं.

 

भिंडी की खेती

गर्मियों के दिनों में भिंडी को लोगों के द्वारा सबसे अधिक पसंद किया जाता है. भिंडी की खेती किसान के लिए सबसे लाभदायक मानी जाती है. क्योंकि इसमें कम पानी की आवश्यकता होती है.

भिंडी की खेती के लिए  फरवरी के अंत से अप्रैल तक उपयुक्त होता है. जलनिकासी वाली हल्की दोमट मिट्टी बेहतर रहती है.

साथ ही सिंचाई 7-10 दिन के अंतराल पर करनी चाहिए. इसके अलावा भिंडी की फसल में नाइट्रोजन, फास्फोरस और जैविक खाद का संतुलित उपयोग करें.

भिंडी की फसल जल्दी तैयार हो जाती है और 2-3 महीनों  में ही अच्छा उत्पादन देना शुरू कर देती है.

 

खीरा की खेती

खीरा की खेती मार्च के महीने में तेजी से तैयार होती है. इसलिए खीरे की बुवाई का सही समय मार्च से अप्रैल होता है. किसान इसकी खेती दोमट या बलुई मिट्टी में अच्छे से कर सकते हैं.

गर्मी में खीरे की सिंचाई 5-6 दिन के अंतराल पर करनी चाहिए. खीरे की फसल में सही मात्रा में जैविक खाद, पोटाश और नाइट्रोजन का उपयोग करने से 40-45 दिनों बाद पहली तुड़ाई की जा सकती है.

खीरे की सही तरह से खेती करने से किसान प्रति हेक्टेयर 150-200 क्विंटल तक उत्पादन पा सकते हैं.

पान की खेती करने वाला किसान राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित

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