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अक्टूबर माह में करे इन फसलो की खेती होगी अच्छी कमाई

 

अक्टूबर माह में बोई जाने वाली फसलें व सब्जियां

 

भारत में खेती के हिसाब से अक्टूबर का महीना बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस महीने में खरीफ फसलों की कटाई होती है और रबी फसलों की बुवाई शुरू हो जाती है।

अगर किसान अपने खेत की मिट्टी, पानी की उपलब्धता, इलाके का मौसम और सरकारी नीतियों को ध्यान में रखकर खेती का कार्य करें तो ज्यादा मुनाफा कमा सकता है।

 

अक्टूबर माह के कृषि कार्य

किसान भाई अक्टूबर माह में अरहर, मूंगफली, शीतकालीन मक्का, शरदकालीन गन्ना, तोरिया, राई सरसों, चना, मटर, बरसीम, गेहूं, जौ आदि फसलों की बुवाई अपने खेतों में कर सकता है।

यहां आपको 5 प्रमुख फसलों के बारे में जानकारी दी जाएगी।

 

गेहूं की खेती : रबी सीजन के अनुसार किसान खेत में गेहूं की बुवाई कर सकते हैं।

गेहूं की बुवाई अक्टूबर महीने के अंतिम सप्ताह में करनी चाहिए। बुवाई से पहले खेतों को अच्छी तरह से तैयार करना चाहिए।

खेतों में एक भी खरपतरवार नहीं रहनी चाहिए। असिंचित क्षेत्रों के लिए के-8027, के-9465 एवं मंदाकिनी अच्छी किस्मों में शुमार है।

 

गन्ना की खेती : शरदकालीन गन्ने की बुवाई के लिए अक्टूबर महीने का पहला पखवाड़ा उपयुक्त रहता है।

खेत में गन्ने की बुवाई के लिए पिछले साल शरद ऋतु में बोए गए गन्ने से ही बीज प्राप्त करने चाहिए।

गन्ने की बुवाई के लिए किसानों को दूसरे पखवाड़े का इंतजार नहीं करना चाहिए। क्योंकि पहले पखवाड़े के बाद सर्दी बढऩे लगती है।

यह मौसम गन्ने की बुवाई के लिए उचित नहीं है। किसानों को बीज के उपचार के बाद ही बुवाई करनी चाहिए।

 

मक्का की खेती : किसानों को शरद कालीन मक्का की बुवाई अक्टूबर के तीसरे सप्ताह से नवंबर के पहले सप्ताह तक करनी चाहिए।

यह फसल अप्रैल से मई तक तैयार हो जाती है। मक्के की खेती में कम बीमारियां लगती है और किसानों को ज्यादा फायदा होता है। 

 

चना की खेती : किसानों को चने की बुवाई अक्टूबर माह के दूसरे पखवाड़े में करनी चाहिए।

चना की प्रमुख प्रजातियां पूसा-256, अवरोधी, राधे, के-850 तथा ऊसर क्षेत्र में बोआई के लिए करनाल चना-1 प्रमुख। काबुली चना की चमत्कार, पूसा-1003, शुभ्रा अच्छी किस्में हैं।

 

राई सरसों : अक्टूबर माह का प्रथम पखवाड़ा राई सरसों की बुवाई के लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त है।

सही समय पर बुवाई के लिए बरुणा, नरेन्द्र राई-8501, रोहिणी अच्छी किस्में हैं तथा देर से बुवाई के लिए आशीर्वाद व वरदान किस्मों का चयन किया जा सकता है।

 

अक्टूबर माह में प्रमुख सब्जियों की खेती

अक्टूबर माह में कई प्रमुख सब्जियों की खेती की जा सकती है।

आलू की खेती : अक्टूबर माह में आलू की बुवाई शरू हो जाती है। आलू की बुवाई के लिए खेतों को अच्छे से जोतना चाहिए तथा खेतों में भरपूर मात्रा में खाद का मिश्रण करना चाहिए।

खेतों में खाद डालने के 15 से 20 दिन के बाद उन्नत किस्म वाले आलू की बुवाई करनी चाहिए।

आलू की अगेती किस्म कुफरी अशोका, कुफरी चन्द्रमुखी, कुफरी जवाहर की बुवाई 10 अक्टूबर तक करनी चाहिए।

मध्य एवं पिछेती किस्म कुफरी बादशाह, कुफरी सतलज, कुफरी पुखराज, कुफरी लालिमा की बुवाई 15-25 अक्टूबर तक करनी चाहिए।

 

मटर की खेती : मटर की बुवाई के लिए अक्टूबर का माह सबसे अच्छा माह माना जाता है।

मटर की अगेती किस्मों के लिए प्रति हेक्टेयर 120-150 किग्रा तथा मध्यम व पिछेती किस्मों के लिए 80-100 किग्रा बीज का प्रयोग करें।

 

पालक/ मेथी/ धनिया/ गाजर /मूली की खेती : अक्टूबर माह में कई तरह की हरी सब्जियों का भी रोपण किया जाता है।

इन सभी सब्जियों को अक्टूबर के अंत तक बो देना चाहिए।

प्रति हेक्टेयर बुवाई के लिए पालक व मेथी 25-30 किग्रा, गाजर 6-8 किग्रा, मूली 8-10 किग्रा तथा धनिया 15-30 किग्रा बीज की आवश्यकता होती है।

 

फूलगोभी / पत्तागोभी : पिछले फूलगोभी की रोपाई 15 अक्टूबर के बाद कर सकते हैं।

मध्यावधि व पिछले पत्तोगोभी किस्मों की बुवाई पूरे अक्टूबर माह में कर सकते हैं।

 

इसके अलावा किसान भाई शिमला मिर्च, टमाटर, प्याज, लहसुन आदि की बुवाई भी अक्टूबर माह में कर सकते हैं।

इस पोस्ट में आपको अक्टूबर माह के कृषि कार्य, अक्टूबर आदि के बारे में जानकारी दी गई है।

 

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